Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Phalguna Month : फाल्गुन मास में क्यों करें चंद्रमा की आराधना, पढ़ें रोचक जानकारी

हमें फॉलो करें Phalguna Month : फाल्गुन मास में क्यों करें चंद्रमा की आराधना, पढ़ें रोचक जानकारी
फाल्गुन मास चंद्र देव की आराधना के लिए सबसे सही और उपयुक्त समय होता है, क्योंकि यह चंद्रमा का जन्म माह माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनेक देवताओं में से एक हैं चंद्र देवता। चंद्र के देवता भगवान शिव है। शिव जी ने उन्हें अपने सिर पर धारण कर रखा है। 
 
चंद्रमा का गोत्र अत्रि तथा दिशा वायव्य है। चंद्र का दिन सोमवार है तथा उन्हें जल तत्व का देव भी कहा जाता है। चंद्रमा का जन्म फाल्गुन में मास में होने के कारण इस महीने चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस पूरे महीने भर में चंद्र देव के साथ-साथ, भोलेनाथ, भगवान श्री कृष्ण की उपासना विशेष फलदायी होती है।

पंचांग के अनुसार हिन्दू माह में आने वाले महीनों के अंतर्गत फाल्गुन मास आखिरी महीना है, क्योंकि इसके बाद हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। वैसे तो चंद्रमा को सुख-शांति का कारक माना जाता है, ...लेकिन यही चंद्रमा जब उग्र रूप धारण कर लें तो प्रलयकारी स्वरूप दिखता है। 
 
तंत्र ज्योतिष में तो ये कहावत है कि चंद्रमा का पृथ्वी से ऐसा नाता है कि मानो मां-बेटे का संबंध हो, जैसे बच्चे को देख कर मां के दिल में हलचल होने लगती है, वैसे ही चंद्रमा को देख कर पृथ्वी पर हलचल होने लगती है, चंद्रमा जिसकी सुंदरता से मुग्ध हो कवि रसीली कविताओं और गीतों का सृजन करते हैं वहीं भारतीय तंत्र शास्त्र इसे शक्तियां अर्जित करने का समय माना जाता है।

आकाश में पूरा चांद निकलते ही कई तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने में जुट जाते हैं। चंद्रमा प्राकृतिक तौर पर बहुत सूक्ष्म प्रभाव डालता है जिसे साधारण तौर से नहीं आंका जा सकता लेकिन कई बार ये प्रभाव बहुत बढ़ जाता है जिसके कई कारण हो सकते हैं।

 
ज्योतिष शास्त्र इसके संबंध में कहता है कि चंद्रमा का आकर्षण पृथ्वी पर भूकंप, समुद्री आंधियां, तूफानी हवाएं, अति वर्षा, भूस्खलन आदि लाता हैं। रात को चमकता पूरा चांद मानव सहित जीव-जंतुओं पर भी गहरा असर डालता है।

शास्त्रों के अनुसार भी चंद्रमा मन का कारक है। चंद्रमा दिल का स्वामी है। चांदी की तरह चमकती रात चंद्रमा का विस्तार राज्य है। इसका कार्य सोने चांदी का खजाना शिक्षा और समृद्धि व्यापार है। चंद्रमा के घर शत्रु ग्रह भी बैठे तो अपने फल खराब नहीं करता। प्रकृति की हलचल में चंद्र के प्रभाव विशेष होते हैं। मनुष्य का मन और समुद्र से उठने वाली लहरे दोनों का ही निर्धारण चंद्रमा से ही होता है। माता और चंद्र का संबंध भी गहरा होता है। 
 
मूत्र संबंधी रोग, दिमागी खराबी, हाईपर टेंशन, हार्ट अटैक ये सभी चंद्रमा से संबंधित रोग है। लाल किताब कहती है कि चंद्रमा शुभ ग्रह है। यह शीतल और सौम्य प्रकृति धारण करता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे स्त्री ग्रह के रूप में स्थान दिया गया है। यह वनस्पति, यज्ञ एवं व्रत का स्वामी ग्रह है। भारतीय ज्योतिष पर आधारित दैनिक, साप्ताहिक तथा मासिक भविष्यफल भी व्यक्ति की जन्म के समय की चंद्र राशि के आधार पर ही बताए जाते हैं। किसी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होते हैं, वह राशि उस व्यक्ति की चंद्र राशि कहलाती है।
 
ज्ञात हो कि इस माह की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र में होने के कारण इस माह का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने चंद्रमा के पूजन के साथ-साथ खान-पान और अपनी जीवनचर्या में बदलाव करके भोजन में अनाज का प्रयोग कम करना चाहिए तथा मौसमी फलों का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए ऐसा माना जाता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भोजन की शुरुआत में तीखा तथा अंत में मीठा खाने के 4 फायदे