Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भोजन की शुरुआत में तीखा तथा अंत में मीठा खाने के 4 फायदे

हमें फॉलो करें भोजन की शुरुआत में तीखा तथा अंत में मीठा खाने के 4 फायदे

अनिरुद्ध जोशी

प्राचीनकाल से ही लोग खाना खाने के बाद मीठा जरूर खाते हैं। हिन्दू शास्त्र और आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है। मीठा खाने के संबंध में तो आपको पता ही होगा लेकिन बहुत कम लोग नहीं जानते होंगे कि खाने के पहले तीखा या कहें कि चरका क्यों खाते हैं। आओ जाते हैं कारण और फायदे।
 
तीखा : 
1.खाने के पहले तीखा इसलिए खाते हैं क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाए। 
 
2.शोधकर्ताओं के अनुसार जब आप चरका खाते हैं, तो आपका शरीर पाचक रस और एसिड जारी करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। इससे यह तय हो जाता है कि आपकी पाचन शक्ति सही तरह से कार्य कर रही है।
 
3.आयुर्वेद के अनुसार शुरुआत में तीखा भोजन करने के बाद पेट में पाचन तत्व तथा अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। जिससे पाचन तंत्र तेज जाता है।
 
4.भोजन की शुरुआत में तीखा खाने से जठराग्नि बढ़ जाती है जिसके चलते अच्‍छी भूख लगती है।  
 
मीठा :
1.मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो पाचन प्रक्रिया को धीमी कर देता है इसलिए खाना खाने के बाद मीठा खाने से पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है।
 
2 मीठा खाने से सेरोटोनिन नाम के हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर का काम करता है जिससे मीठा खाने के बाद आपको खुशी का अनुभव होता है। दरअसल, मीठे का सेवन एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है। ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी की भावना से जुड़ा है यानि मीठा खाने से आपको खुशी होती है। 
 
3. यदि भारी खाना खाने के बाद आपको हाइपोग्लाईसीमिया की स्थिति से गुजरना पड़ता है तो इस स्थिति में ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए खाने के बाद मीठा खाने की सलाह दी जाती है।
 
4.आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है जिससे पेट में जलन या एसिडिटी नहीं होती है।
 
सावधानी : मीठे में आपको सफेद शक्कर नहीं खाना चाहिए यह नुकसानदायक है। इससे तैयार चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इससे मोटापे और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा हो सकता है। इसके बजाय आपको आर्गेनिक गुड़ खाना चाहिए या इससे बनी चीजों का ही सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो ब्राउन शुगर या नारियल की शुगर का उपयोग कर सकते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

तीन पैरों वाली गायत्री माता का क्या है राज?