उत्तर भारत में तूफानी हवाओं और धूलभरी आंधी ने कहर बरपा दिया है। पिछले 22 दिनों में अबतक 3 बार दिल्ली-उप्र-राजस्थान में रेतीले तूफान या अंधड़ ने दर्जनों जानें ले ली और अरबों रुपए का नुकसान किया है।
मौसम के इस रौद्र रूप से जनता बेहाल है। आखिर इतने भयानक तूफान इतनी जल्दी क्यों आ रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून के पहले मई माह में उत्तर भारत में डस्ट स्टॉर्म (धूल भरी आंधी) हर साल होने वाली प्रक्रिया है।
आंधियां प्री मानसून एक्टिविटी है। परंतु इस साल अरब सागर से आने वाली गर्म हवा राजस्थान से पूर्व की ओर तेज रफ्तार से बहने लगी, उसी समय उत्तर-पश्चिम में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस मौजूद होने से आंधी तूफान का असर बढ़ गया।
उत्तर भारत में हवा का दाब 1000 से 1002 हेप्टा पास्कल (हवा के दाब की यूनिट) रहा, इस वजह से चक्रवात को बढ़ावा मिला। इसके प्रभाव से दक्षिण भारत में भी लू जैसी स्थिति हो गई।
हरियाणा से लेकर उत्तर मध्य महाराष्ट्र तक एक नार्थ-साउथ ट्रफ लाइन बनी जो भोपाल सहित मध्य प्रदशे के पश्चिमी हिस्से से होकर गुजर रही है। हरियाणा से लेकर नागालैंड तक एक और ईस्ट-वेस्ट ट्रफ लाइन बनी है। जिसकी वजह से 2-3 दिनों तक बारिश, गरज-चमक के साथ तेज हवा, ओलावृष्टि और बारिश के आसार हैं।
मौसम वैज्ञानिक मान रहे हैं कि संभव है कि मानसून इस साल भारत में जल्द दस्तक देने की तैयारी में है। स्काईमेट ने भी अंदाज लगाया है कि यदि कुछ दिन ऐसे ही हालात रहे तो मानसून 25 मई को केरल में पहुंच सकता है। आमतौर पर केरल में 1 जून तक मानसून आता है।