पिछले कुछ सालों में अमेरिका, यूरोप, रूस समेत कई देशों तूफानों की मार झेली। कहीं बर्फबारी का प्रचंड रूप तो कहीं अतिवृष्टि से भयानक बाढ़ के रूप में।
अब गर्म देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, ईरान, यूएई के मैदानी इलाकों से भी रेतीले तूफानों ने कहर बरपा रखा है। स्थानीय लोग इन्हें बवंडर, अंधड़ या आंधी कहते हैं। पिछले वर्ष 2017 में कुल 10 तूफान आए थे, जिनमें से 6 बहुत बड़े थे।
ओशियन मॉनिटॅरिग की एक रिपोर्ट और नासा के मौसमी आंकडों के अनुसार पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता में 3.5 गुना बढ़ोतरी हुई है।
उल्लेखनीय है कि नेचर क्लाइमेट चेंज जरनल में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में वर्ष 2015 में वैज्ञानिकों ने बताया था कि आने वाले तूफान कहीं ज्यादा खतरनाक होंगे।। वैज्ञानिकों ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन की वजह से विनाशकारी तूफान पैदा होंगे।
इस रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर जिम एल्सनर के मुताबिक, इन दिनों जो तूफान आ रहे हैं वह पहले के मुकाबले बहुत खतरनाक हैं। शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता औसतन 1.3 मीटर प्रति सेकंड या 4.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी है।
इसके अलावा अब समुद्री तटों से दूर क्षेत्रों में भी आंधी-बवडंर की आशंका बढ़ गई है। उच्च तापमान वाले मैदानी इलाकों में नमी वाली हवा के पहुंचने पर कम दबाव (लो प्रेशर) का निर्माण हो जाता है और एकदम से बिजली गिरना, ओलावृष्टि (हेल स्टॉर्म) या तेज हवाओं के साथ भारी बरसात जैसी खतरनाक परिस्थितियां बन जाती हैं।