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वैश्विक शांति और चुनौतियों के समाधान के लिए दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही : मोदी

हमें फॉलो करें वैश्विक शांति और चुनौतियों के समाधान के लिए दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही : मोदी
, शुक्रवार, 6 मई 2022 (17:22 IST)
पुणे (महाराष्ट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक शांति हो या समृद्धि या फिर वैश्विक चुनौतियों से जुड़े समाधान, आज दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है और भारत भी वैश्विक कल्याण के एक बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।  प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के 'जीतो कनेक्ट 2022' के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के बीच भारतीयों को विदेशी वस्तुओं का गुलाम नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करनी होगी। निर्यात के लिए नए स्थान तलाशने होंगे, स्थानीय बाजारों में इसके बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी। उत्पाद शून्य दोष और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले होने चाहिए।

3 यूरोपीय देशों की अपनी 3 दिवसीय यात्रा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने इस दौरान भारत के सामर्थ्य, संकल्पों तथा अवसरों के संबंध में काफी लोगों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह की आशा और विश्वास आज भारत के प्रति खुलकर सामने आ रहा है, ए आप सब भी अनुभव करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के विकास के संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम मान रही है। उन्होंने कहा कि आज देश प्रतिभा, व्यापार और प्रौद्योगिकी को यथासंभव प्रोत्साहित कर रहा है। आज देश हर रोज़ दर्जनों स्टार्टअप्स रजिस्टर कर रहा है, हर हफ्ते एक यूनिकॉर्न बना रहा है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति या वैश्विक समृद्धि, वैश्विक चुनौतियों से जुड़े समाधान हों या फिर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का सशक्तीकरण हो, दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है। विशेषज्ञता का क्षेत्र हो या फिर चिंता वाले, चाहे जो भी हों, विचारों में चाहे जितनी भी भिन्नता हो, लेकिन नए भारत का उदय सभी को जोड़ता है।

उन्होंने कहा कि आज सभी को लगता है कि भारत अब संभावनाओं और क्षमता से आगे बढ़कर वैश्विक कल्याण के एक बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि भविष्य का भारत का रास्ता और मंज़िल दोनों स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता भी है और संकल्प भी। बीते सालों में हमने इसके लिए हर ज़रूरी माहौल बनाने के लिए निरंतर परिश्रम किया है। सरकारी प्रक्रियाएं पारदर्शी हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि जब सरकार के पास कोशिश करने की इच्छा शक्ति और लोगों का समर्थन होगा तो बदलाव अपरिहार्य है। मोदी ने कहा कि 'जीतो' के युवा सदस्य नवप्रवर्तक और उद्यमी हैं और उन्हें शून्य लागत बजट, खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि प्रौद्योगिकी, रीसाइक्लिंग और पुन: उपयोग, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित चक्रीय अर्थव्यवस्था के साथ प्राकृतिक खेती में निवेश करने के लिए कहा।

मोदी ने जीतो प्रतिनिधियों से सरकार के जीईएम-मार्केटप्लेस पोर्टल का अध्ययन करने को कहा, जहां 40 लाख विक्रेताओं ने पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) और स्वयं सहायता समूह से थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को इस नई व्यवस्था पर भरोसा है।

उन्होंने कहा कि अब दूरदराज के गांवों के लोग, छोटे दुकानदार और स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकते हैं। मोदी ने कहा कि दुनिया भारत को आशा और विश्वास की नजर से देख रही है और यह सभी भारतीयों के लिए गर्व और आत्मविश्वास की भावना है।(भाषा)

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