मुंबई। वैश्विक बाजारों में बिकवाली के बीच शुक्रवार को प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक टूटकर 55,000 के नीचे बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 271.40 अंक या 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,411.25 पर बंद हुआ।
विदेशी कोषों के लगातार बाजार से पैसा निकालने और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती से भी बाजार की धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक या 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,835.58 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में एक वक्त सेंसेक्स 1,115.48 अंक या दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,586.75 पर पहुंच गया था।
इसी तरह एनएसई निफ्टी 271.40 अंक या 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,411.25 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, विप्रो, एचडीएफसी, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
दूसरी ओर टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, आईटीसी, एसबीआई और एनटीपीसी में तेजी रही। यूरोप में शेयर बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी गुरुवार को गिरावट रही।
हेम सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीएमएस) मोहित निगम ने कहा, एफओएमसी (फडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के बाद बुधवार को अमेरिकी बाजारों में एक राहत भरी तेजी देखी गई, लेकिन बढ़ती ब्याज दरों पर अधिक चिंता के कारण गुरुवार को यह रुख बदल गया। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने गुरुवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाने का फैसला किया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ ही बिकवाली के दबाव से वैश्विक बाजार गिरने लगे। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए मंदी के संभावित जोखिम के बारे में चेतावनी दी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.20 फीसदी चढ़कर 113.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 2,074.74 करोड़ रुपएके शेयर बेचे।(भाषा)