Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कर्नाटक सरकार ने किया संविधान की प्रस्तावना के पाठ का आयोजन, लाखों लोगों ने लिया हिस्सा

हमें फॉलो करें Siddaramaiah
बेंगलुरु , शुक्रवार, 15 सितम्बर 2023 (20:49 IST)
Karnataka News : कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को 'अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस' के मौके पर संविधान की प्रस्तावना के पाठ को लेकर वृहद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें देश और विदेश से लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।
 
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कई अन्य अतिथियों के साथ यहां ‘विधान सौध’ (कर्नाटक विधानमंडल भवन) के बाहर प्रस्तावना पाठ समारोह का नेतृत्व किया, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे और अन्य लोग शामिल हुए।
 
राज्य सरकार के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, जर्मनी, ताइवान, इटली सहित 20 देशों के दो करोड़ से अधिक लोगों ने डिजिटल तरीके से, जबकि 10 हजार लोगों ने भौतिक रूप से उपस्थित होकर संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
 
सरकार ने कहा कि प्रस्तावना पाठ कार्यक्रम ने 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में जगह बनाई है। राज्य सरकार ने कहा, एकसाथ मिलकर हमने न केवल एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है, बल्कि ‘अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ पर एक अमिट छाप भी छोड़ी। संवैधानिक मूल्यों के प्रति सरकार का गहरा समर्पण और नागरिकों की दिल से भागीदारी भारत की लोकतांत्रिक विरासत के सार को दर्शाता है।
 
जून में कर्नाटक सरकार ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त या निजी स्कूल और कॉलेजों के छात्रों के लिए प्रतिदिन प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का चित्र लगाना भी अनिवार्य किया था।
 
सिद्धरमैया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच ‘गारंटी’ (चुनाव पूर्व वादों) में से चार को पूरा किया है और अपनी बात पर कायम रही। उन्होंने कहा, संविधान की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है। हमारा संविधान ‘हम भारत के लोग’ से शुरू होता है। यदि संविधान की इच्छाओं को प्रभावी ढंग से नहीं समझा और उनका पालन नहीं किया गया तो समतामूलक समाज का निर्माण संभव नहीं है।
 
सिद्धरमैया ने कहा कि समाज में समानता का आह्वान करने वाले और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धातों पर प्रकाश डालने वाले संविधान की आकांक्षा के अनुसार उनकी सरकार ने सभी की समृद्धि के लिए योजनाएं लागू की हैं और उनका उद्देश्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उन्हें उसका पैसा वापस लौटाना है।
 
उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने समतामूलक समाज और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत की संविधान की आकांक्षाओं के अनुरूप सभी की समृद्धि के लिए कार्यक्रम लागू किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान विरोधी ताकतें संविधान को नष्ट कर दोबारा मनुस्मृति लागू करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने इस संबंध में सतर्क और जागरूक रहने का आह्वान किया।
 
सिद्धरमैया ने कहा, संविधान को नष्ट करने और मनुस्मृति को लागू करने का मतलब है कि 90 प्रतिशत भारतीयों को फिर से गुलामी में धकेल दिया जाएगा। कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा ने बुधवार को कहा था कि देश और विदेश के करीब 2.28 करोड़ लोगों ने संविधान की प्रस्तावना के पाठ के लिए पंजीकरण कराया है।
 
उन्होंने कहा था, देश और विदेश से 2,27,81,894 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। हमने 5 या 10 लाख लोगों के पंजीकरण कराने की उम्मीद की थी, लेकिन यह एक आंदोलन बन गया है। महादेवप्पा ने कहा, इसका मकसद, विशेषकर युवाओं को लोकतंत्र और संविधान के विचार को समझाना है, और इस तरह वे प्रस्तावना के मुख्य उद्देश्य, सम्मान, स्वतंत्रता और समानता के साथ जीवन जीना सीखेंगे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सेंसेक्स 320 अंक उछला, जानिए प्रमुख उपलब्धियां...