नई दिल्ली | पिछले कुछ वर्षों से इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के भारत आने को लेकर कई चर्चाएं हुई हैं। लेकिन, हाल ही में टेस्ला के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऐलन मस्क ने कहा है कि टेस्ला तब तक भारत में अपनी कारों का उत्पादन शुरू नहीं करेगी, जब तक भारत सरकार से हमें अपनी कारों की बिक्री की अनुमति नहीं मिल जाती।
ये बात मस्क ने भारत में टेस्ला की प्रोडक्शन यूनिट लगाने की संभावना के बारे में ट्विटर पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कही। मस्क ने कहा कि टेस्ला को भारत में अपनी कारों की बिक्री की अनुमति मिलने के बाद ही स्थानीय स्तर पर इसके उत्पादन के बारे में कोई फैसला लिया जाएगा।
ऐलन मस्क के इस बयान पर इंटरनेट पर खूब चर्चाएं हो रही हैं। कुछ महीनों पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला को भारत में ही बनी कारों की बिक्री की मंजूरी देने की बात कही थी। अप्रैल में अपने द्वारा दिए गए बयान में गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन के लिए तैयार है तो वह यहां पर बिक्री कर सकती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल और उत्पादन को बढ़ावा देने के बारे में बात करते रहते है।
बता दें कि भारत विदेश में बनी कारों के आयात पर भारी शुल्क लगाता है जिसकी वजह से उनकी कीमत काफी बढ़ जाती है। फिलहाल, विदेश में बनी 40 हजार डॉलर से अधिक की कारों पर भारत 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाता है, जो की किसी भी विदेशी कंपनी के लिहाज से बहुत ज्यादा है। टेस्ला पहले भी इस आयात शुल्क में कटौती की मांग भारत सरकार से कर चुका है। मस्क ने पिछले साल भारत में अपनी कंपनी टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों को बेचने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन उनका कहना था कि यहाँ पर बहुत ज्यादा आयात शुल्क लगता है। अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में कामयाबी मिलती है तो वह भारत में अपनी प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने के विषय में सोच सकते है।