Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सावधान! कोई और भी सुन रहा है आपकी बातें, खतरे में है प्राइवेसी

हमें फॉलो करें सावधान! कोई और भी सुन रहा है आपकी बातें, खतरे में है प्राइवेसी
, शनिवार, 28 मई 2022 (12:57 IST)
नई दिल्ली | पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया यूजर्स की प्राइवेसी (गोपनीयता) पर खतरे से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट की माने तो 50% से ज्यादा यूजर्स को अपने ईमेल, फेसबुक, और इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने दोस्तों या सहकर्मियों के साथ कॉल पर की गई बातों
के आधार पर विज्ञापन देखने को मिल रहे है। उदाहरण के लिए, अगर दो व्यक्ति कॉल पर एक दूसरे से नया कूलर खरीदने के विषय पर चर्चा कर रहे है तो उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कूलर के विज्ञापन दिखाई देने लगते है। भारत में ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इस सम्बन्ध में कई बार बहस हो चुकी है। यूजर्स ने सरकार से जल्द से जल्द व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पास करने की अपील की है। 
 
गूगल, फेसबुक जैसे प्लेटफार्म यूजर्स की गोपनीयता की दुहाई देते रहते हैं, लेकिन इनके सर्च बॉक्स में भी अगर यूजर्स कुछ सर्च करते हैं तो कुछ देर बाद उन्हें उससे संबंधित विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं। इस तरह की कई चौंका देने वाली बातें भारत के एक शीर्ष सोशल मीडिया रिसर्च संस्थान की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के माध्यम से सामने आई हैं। 
 
ये सर्वेक्षण 10 हजार सोशल मीडिया यूजर्स पर किया गया था। इनमे से करीब 50 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि हमें पिछले कुछ महीनों से अपने द्वारा कॉल पर की गई बातों के आधार पर विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं। इनमे से लगभाग सभी यूजर्स ने अपने स्मार्टफोन की सभी एप्लीकेशन्स को माइक्रोफोन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है तथा 11% यूजर्स ने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ऑडियो कॉल और वीडियो कॉल के लिए माइक्रोफोन की अनुमति देकर रखी है। ऐसा अनुभव करने वाले लोगों में से 25% का कहना है कि यह हर समय होता है। केवल 30% यूजर्स ने कहा कि उनके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। 
 
दरअसल, हमारे द्वारा इन सोशल मीडिया एप्लीकेशन्स पर किए गए ऑडियो या वीडियो कॉल आदि करने की वजह से ये समस्या सामने आई है। कई यूजर्स ने इसे इंटरनेट की दुनिया के 'डार्क वर्ल्ड' से जोड़ा है तो कुछ यूजर्स का कहना है कि ये सोशल मीडिया वेबसाइट्स की ही साजिश है। उन्होंने ये भी कहा है कि किसी भी सोशल मीडिया यूजर की व्यक्तिगत जानकारियों या बातों का इस तरह से लीक होना चिंता का विषय है। माइक्रोफोन एक्सेस मांगने वाले सभी एप्लीकेशन्स को औपचारिक रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए की इससे यूजर की गोपनीयता की हानि नहीं होगी।  
 
भारत सरकार अभी तक व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को संसद की सहमति नहीं दिला पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस विधेयक के पास होते ही डेटा की चोरी पर लगाम लगाई जा सकती है। आपको बता दें कि व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 का उद्देश्य नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा के लिए सुरक्षा प्रदान करना है। पहली बार 2019 में सरकार ने इस बिल की बात की थी लेकिन 3 वर्षों के बाद भी ये बिल पास नहीं हो पाया है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रूस ने डॉलर में बंद किया ट्रांजेक्शन, भारतीय तेल कंपनियों के 1000 करोड़ फंसे