Caste based census in Bihar: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार में जातिगत जनगणना पर हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। अर्थात फिलहाल राज्य में जाति आधारित गणना जारी रहेगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में 14 अगस्त को होने वाली सुनवाई तक बिहार में फिलहाल जाति आधारित जनगणना जारी रहेगी। पटना हाईकोर्ट द्वारा जाति आधारित गणना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज करने के बाद राज्य में जनगणना शुरू हो गई थी।
बिहार सरकार ने स्कूलों के शिक्षक एवं प्रखंड लेवल और नगर लेवल के अधिकारियों को जातीय गणना के कार्य में लगाया गया है। एनजीओ 'एक सोच एक प्रयास' की ओर से हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
2020 में पारित हुआ था प्रस्ताव : उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2020 को जाति आधारित गणना का प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ था। 23 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव समेत बिहार के 11 नेताओं ने प्रधानमंत्री से मिलकर जाति आधारित गणना कराने की मांग की थी। 1 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने इस पर सहमति जताई थी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala