Manipur violence: हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थानीय पुलिस और असम राइफल्स के बीच तनातनी की खबरें हैं। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। मणिपुर पुलिस का आरोप है कि असम राइफल्स के जवानों की कुकी समुदाय के उपद्रवियों के साथ मिलीभगत है। दूसरी ओर, मेइती समुदाय की महिलाओं ने असम राइफल्स पर बर्बरता का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना कुकी समुदाय बहुल जिले चुराचांदपुर से सटे क्वाक्टा गोथेले रोड की है, जहां असम राइफल्स की बुलेटप्रूफ गाड़ियों को मणिपुर पुलिस द्वारा रोक दिया गया। दोनों ही बलों के जवानों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मणिपुर पुलिस का आरोप है कि असम राइफल्स के जवानों की कुकी उपद्रवियों से मिलीभगत है।
मीरा पैबिस का प्रदर्शन : इस बीच, मणिपुर में मेइती समुदाय की उम्रदराज महिलाओं के समूह मीरा पैबिस ने सोमवार से इंफाल घाटी के जिलों में असम राइफल्स के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया है। मीरा पैबिस का शाब्दिक अर्थ मशाल वाहक महिलाएं होता है। समूह ने प्रदर्शन में घाटी के सभी जिलों की महिलाओं का समर्थन मांगा है।
समूह ने रविवार को इंफाल वेस्ट जिले के मलोम तुलीहाल इलाके में हुई एक बैठक में प्रदर्शन का फैसला किया। इसमें शामिल महिलाओं ने राज्य के हिंसाग्रस्त इलाकों से अर्धसैन्य बल हटाए जाने की मांग को लेकर सड़कें अवरुद्ध कर असम राइफल्स की गतिविधि बाधित करने का संकल्प लिया। उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर राज्य में हाल में हुए आंदोलनों के दौरान बर्बरता करने का आरोप लगाया।
कर्फ्यू में छूट की अवधि घटाई : बिष्णुपुर जिले में शनिवार को उग्रवादियों ने तीनों लोगों की उस समय हत्या कर दी थी, जब वे सो रहे थे। इसके बाद उनके शवों को तलवार से काट दिया गया था। इस घटना के बाद शनिवार को कर्फ्यू में ढील का समय कम करके तड़के 5 बजे से पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे तक कर दिया गया था। घटना से पहले इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू में ढील का समय तड़के 5 बजे से शाम छह बजे तक था।
जोरामथांगा का सुझाव : मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने कहा कि मैंने सुझाव दिया कि इंडीजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) निमंत्रण स्वीकार करना चाहिए। सीएम ने कहा कि यह गृहमंत्री के साथ आमने-सामने बैठकर चर्चा करने का अच्छा अवसर है। इसके बाद आईटीएलएफ नेता सर्वसम्मति से शाह से मुलाकात करने के लिए राजी हो गए। शाह ने आईटीएलएफ नेताओं को मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में उनके साथ बैठक करने का निमंत्रण दिया था। हालांकि अभी इस संबंध में आईटीएलएफ नेताओं की कोई टिप्पणी नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। आगजनी की घटनाओं में कई घरों को नुकसान पहुंचा है, वहीं कई लोग शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं।