नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के उस आदेश पर स्थगनादेश देने से इनकार कर दिया। इसमें बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति आधारित सर्वेक्षण पर रोक लगा दी गई थी।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि क्या यह कवायद सर्वेक्षण की आड़ में जनगणना तो नहीं है।
पीठ ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर रहे हैं, यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम आपको अंतरिम राहत दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने मुख्य याचिका की सुनवाई 3 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है।
पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि इस याचिका को 14 जुलाई को सूचीबद्ध किया जाये। यदि किसी भी कारण से, रिट याचिका की सुनवाई अगली तारीख से पहले शुरू नहीं होती है, तो हम याचिकाकर्ता (बिहार) के वरिष्ठ वकील की दलीलें सुनेंगे।
पटना हाईकोर्ट के 4 मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि जातीय सर्वेक्षण पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि जाति आधारित आंकड़ों का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक मामला है।
बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण का पहला दौर 7 से 21 जनवरी के बीच आयोजित किया गया था। दूसरा दौर 15 अप्रैल को शुरू हुआ था और 15 मई तक चलने वाला था। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma