नास्त्रेदमस ने कई भविष्यवाणियां भारत के संबंध में की है। उनकी भविष्यवाणियों को अलग-अलग अर्थ निकाला जाता रहा है। आओ जानते हैं कि नास्त्रेदमस में दुनिया के महान नेता और तृतीय विश्व युद्ध के बारे में क्या कहा है।
आईएसआई के कारण होगा तृतीय विश्व युद्ध...
'धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।' (vi-10)...हालांकि ऐसी स्थिति हर समय ही रही है लेकिन यह बात नास्त्रेदमस ने 21वीं सदी के संबंध में कही है। इस वक्त दुनिया में कट्टरता अपने चरम पर है। नास्त्रेदमस की मानें तो इस कट्टरता के कारण ही दुनिया तीसरे युद्ध को झेलेगी।
नास्त्रेदमस की मानें तो आईएस और आईएसआईएस की वजह से अब दुनिया में थर्ड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत होगी, जिसे तीसरा ईश्वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) माना जा रहा है। इससे पहले नेपोलियन और हिटलर को नास्त्रेदमस ने ईश्वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) कहा था और कहा था कि तीसरा ईश्वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) जब आएगा तो 27 साल तक तीसरा विश्वयुद्ध चलेगा और दुनिया लगभग समाप्त हो जाएगी।
नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। तृतीय विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा। सभी देश उसकी सहायता की आतुरता से प्रतीक्षा करेंगे। नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्वयुद्ध की जो भविष्यवाणी की है उसी के साथ उसने ऐसे समय एक ऐसे महान राजनेता के जन्म की भविष्यवाणी भी की है, जो दुनिया का मुखिया होगा और विश्व में शांति लाएगा। लेकिन यह महान व्यक्ति कहां जन्म लेगा? इस बात को लेकर मतभेद हैं।
नास्त्रेदमस अनुसार जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा तब एक ओर जहां चीन दुनिया में तबाही मचा रहा होगा तो दूसरी ओर आसमान से भयानक आफत आएगी।..'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' I-69...समीक्षक और व्याख्याकार इस उल्का के गिरने का केंद्र हिन्द महासागर को मानते हैं। ऐसे में मालद्वीप, बुनेई, न्यूगिनी, फिलीपींस, कंबोडिया, थाईलैंड, बर्मा, श्रीलंका, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका के तटवर्ती राष्ट्र तथा अरब सागर से लगे राष्ट्र डूब से प्रभावित होंगे।
क्या नरेंद्र मोदी ही हैं वे महान विश्व नेता?
मशहूर फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने आज से करीब 450 साल पहले ही इस बात की भविष्यवाणी कर दी गई थी कि वर्ष 2014 से 2026 तक भारत का प्रतिनिधित्व एक ऐसा व्यक्ति करेगा जिससे शुरुआत में लोग बहुत ही नफरत करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी सभी लोग उसे उतना प्यार देंगे कि वह अगले 20 साल तक भारत का प्रधानमंत्री रहेगा। नास्त्रेदमस लिखते हैं कि एक महान व्यक्ति भारत में जन्म लेगा, जो पूर्व के सभी राष्ट्रों पर हावी होगा। उससे भयभीत होकर उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए एक महाशक्ति और दो पड़ोसी देश षड्यंत्र करेंगे, पर वह सभी के षड्यंत्रों को विफल करता हुआ प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हो जाएगा।
यह सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए जहां भारत में सभी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल, अरविन्द केजरीवाल आदि एकजुट होकर संघर्ष कर रहे थे वहीं पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देश भी नहीं चाहते थे कि वे सत्ता में आएं। क्योंकि सभी उनकी सांप्रदायिक छवि से घबराएं हुए थे। हालांकि यह भविष्यवाणी कहां तक नरेंद्र मोदी पर सही बैठती है यह हम नहीं जानते, क्योंकि नास्त्रेदमस ने जिस महान नेता के उदय की बात कही है उसका नाम कुछ और ही बताया है।
दुनिया का मुखिया क्या शायरन ही है नरेंद्र मोदी, जानिए...
नास्त्रेदमस ने बताया कि यह अजेय शासक यूरोप में जन्म नहीं लेकर भारत में जन्म लेगा। इसके बुद्धि-चातुर्य और ताकत की वजह से यह एशिया पर राज करेगा। नास्त्रेदमस ने यह भी कहा कि उसका जन्म संसार में वहां होगा जहां तीन समुद्र आकर मिलते हैं और उस शासक के लिए पवित्र दिन गुरूवार होगा। विश्व में मात्र एक ही जगह है जहां तीन समुद्र मिलते हैं, वह है हिन्द महासागर। साथ ही गुरूवार का दिन केवल हिन्दू धर्म में ही पवित्र माना जाता है।
isi के बारे में नास्त्रेदमस ने लिखा कि वर्ष 2015 में एंटीक्रिस्ट का जन्म होगा जो ईसाईयों और मानवता का घोर विरोधी होगा और पूरी दुनिया को अपने कदमों में झुकाने के लिए तत्पर होगा। एंटीक्रिस्ट जल्दी ही एक या अनेक देशों पर कब्जा कर वहां की जमीन खून से लाल कर देगा। इसकी क्रूरता हिटलर को भी पीछे छोड़ देगी। यदि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों पर काम करने वाले विशेषज्ञों की राय मानी जाए तो यह यह एंटीक्रिस्ट धार्मिक कट्टरपंथ के रूप में आईएसआईएस के रूप में जन्म ले चुका है। यह आतंकी संगठन किसी धर्म को नहीं मानता वरन स्वयं के खलीफा होने का दावा करता है। धर्म के नाम पर आईएस के सदस्यों ने अरब जगत में तबाही मचा दी है।
महान शायरन- 'पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)
इस तरह के नाम भारत में और वह भी हिन्दुओं में ही पाए जाते हैं। माना जा रहा है कि इस नेता से पहले सभी प्यार करेंगे लेकिन बाद में उससे सभी डरेंगे। वह दुनिया को अपनी मुठ्ठी में बंद कर लेगा। उसकी शक्ति के आगे सभी राष्ट्रों को झुकना होगा।... यहां पर विरोधाभास है। पहले कहा गया था कि पहले उससे लोग नफरत करेंगे और बाद में सभी प्यार करने लगेंगे। हालांकि नरेंद्र मोदी से पहले लोग ज्यादातर लोग घृणा करते थे लेकिन अब उनके बारे में राय बदलने लगी है।
'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि 21वीं सदी के प्रारंभ में दुनिया के क्षितिज पर शायरन का उदय होगा। 'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)... उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' से शुरू होगा। 'वरण' या 'शरण' जैसे नाम तो भारत में ही होते हैं, लेकिन 'शायरन' नाम जरूर अजीब है। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में cheyren लिखा है।
हालांकि कुछ विद्वानों का मत है कि वह नेता चीन से हो सकता है, क्योंकि नास्त्रेदमस ने स्पष्ट किया है कि वह नेता न तो क्रिश्चियन, न मुसलमान और न ज्यू होगा। एशिया का वह महान नेता शांतिदूत होगा। कुछ लोग उक्त भविष्यवाणी को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि वे भी एक गरीब परिवार में जन्मे और उन्होंने भी अपना प्रारंभिक जीवन संत की तरह बिताया और उन्हें भी पहले लोग नफरत करते थे फिर प्यार करने लगे हैं और हो सकता है कि बाद में सभी उनसे डरें। लेकिन 'शायरन' और 'नरेन्द्र' शब्द में बहुत फर्क है इसलिए यह स्पष्ट कहना कि यह भविष्यवाणी मोदी से संबंधित है, सही नहीं होगा।
नास्त्रेदमस ने इस बात के बारे में 450 वर्ष पहले यह भविष्यवाणी 1555 में अपनी एक किताब 'द प्रोफेसीज' में कर दी थी। फ्रेंच भाषा में लिखे अपने इस ग्रंथ में नास्त्रेदमस ने साफ लिखा है कि यह व्यक्ति भारत की कायापलट कर देगा।... वह समुद्र से सटे किसी प्रांत में किसी छोटी जाति में जन्म लेगा, लेकिन सभी जाति के लोग उसके नाम पर एकजुट हो जाएंगे। जिस समय उसकी लोकप्रियता होगी उस समय किसी गोरी चमड़ी वाली औरत का शासन होगा। लोग जिसके शासन से त्रस्त होकर त्राहि-त्राहि कर करेंगे। उस महान व्यक्ति का नाम एक महान संत के नाम पर होगा। उसकी प्रशंसा और शक्ति बढ़ती जाएगी। भूमि और समुद्र में उस जैसा कोई शक्तिशाली कोई न होगा।
2009 से 2012 तक के समय की उन्होंने विस्तार से चर्चा की है। इसके बाद ही महान 'शायरन' का विश्व पटल पर उदय होगा और धीरे-धीरे वह अपनी ताकत बढ़ाता जाएगा। अंत में होगा वही, जो वह चाहेगा। नास्त्रेदमस ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि एशिया में 21वीं सदी में एक महान नेता का जन्म होगा। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पढ़ने के बाद लगता है कि यह वह समय होगा जबकि एशिया में धार्मिक कट्टरता अपने चरम पर होगी, जैसी कि आज है।
फ्रेंच भाषा में लिखे इस ग्रंथ में नास्त्रेदमस ने साफ लिखा है कि वर्ष 2014 से 2026 तक भारत का प्रतिनिधित्व एक ऐसा व्यक्ति करेगा, जिससे शुरुआत में लोग नफरत करेंगे, लेकिन बाद में जनता और बाकी सभी लोग उसे बहुत प्यार देंगे। यह व्यक्ति भारत की दिशा और दशा बदलकर रखा देना। भारत का कायापलट हो जाएगा और दुश्मन राष्ट्रों का वजूद मिट जाएगा।
'सागरों के नाम वाला धर्म, चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग। (x-96)। यह भविष्यवाणी अभी तक अपूर्ण है। भविष्यवाणी से ऐसा लगता है कि भारत में धर्म के नाम पर कट्टरता पनपेगी। एक बार फिर से हिन्दू को मुसलमान से लड़ाया जाएगा।
'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। हालांकि तीन ओर से और भी देश घिरे हुए हैं, जैसे बर्मा, मलेशिया, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, स्पेन, इटली आदि। लेकिन इन देशों के महाशक्ति बनने की कल्पना नहीं की जा सकती और दूसरी बात यह कि नास्त्रेदमस ने आगे चलकर यह स्पष्ट किया है कि वह देश एशिया में है और जिसका नाम सागरों के नाम पर आधारित है अर्थात हिन्द महासागर के नाम पर हिन्दुस्तान।