बीबीसी को जानकारी मिली है कि भारतीय वायु सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के जिस कैंप को निशाना बनाया वो ख़ैबर-पख़्तूनख़्वाह प्रांत में है ना कि नियंत्रण रेखा के नज़दीक।
आधिकारिक सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि "लड़ाकू मिराज 2000 विमानों ने ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में जंगल में बने जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया है।"
पहले इस बात को लेकर भ्रम था कि हमला पुंछ के नज़दीक बालाकोट नाम की जगह पर हुआ है, या फिर ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में हुआ है।
अब आधिकारिक सूत्रों ने बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद को बताया है कि जिस बालाकोट पर हमला किया गया है वह पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के आगे केपीके प्रांत का हिस्सा है जो मानशेरा ज़िले में है।
हालांकि भारत ने आधिकारिक तौर पर यह साफ़ नहीं किया है कि मिराज विमानों ने किस बालाकोट को निशाना बनाया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "इस कार्रवाई में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादियों के समूह मारे गए हैं, ये लोग भारत पर फ़िदायीन हमले करने की तैयारी कर रहे थे। बालाकोट का ठिकाना मौलाना यूसुफ़ अज़हर चला रहा था जिसे उस्ताद ग़ौरी के नाम से भी जाना जाता था, वह मसूद अज़हर का साला है।"
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने सुबह 09:59 बजे ट्वीट करके कहा था कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा के पार मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर में हमले किए हैं। इसके बाद से अब तक पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
पाकिस्तान में बीबीसी के संवाददाता इलियास ख़ान ने बताया है कि बालाकोट मानशेरा ज़िले का हिस्सा है। भारतीय विमानों ने जिस जगह बम गिराए हैं उसका नाम जाबा टॉप है, जो एक पहाड़ी चोटी है। हिज़्बुल मुजाहिदीन जाबा में ट्रेनिंग कैंप चलाता रहा है।
पाकिस्तान ने इस इलाक़े की फ़ौरन घेराबंदी कर दी है, जाबा, गढ़ी हबीबुल्लाह और बालाकोट इलाक़ों के लोगों ने बीबीसी उर्दू के पत्रकार ज़ुबैर ख़ान को बताया कि सुबह के तीन से चार बजे के बीच उन्होंने ज़ोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनीं। मारे जाने वाले लोगों की तादाद के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
बालाकोट के आसपास के पुलिस अधिकारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्होंने धमाके की जगह पर जाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने उस इलाक़े को अपनी निगरानी में ले लिया है।