पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल आसिफ़ गफ़ूर ने कहा है कि भारत के विमानों ने मुज़फ़्फ़राबाद में घुसपैठ किया लेकिन पाकिस्तान की तत्काल कार्रवाई के बाद पीछे हटना पड़ा।
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ़ के एक काफ़िले पर हमले और 40 से ज़्यादा जवानों के मारे जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
भारतीय मीडिया में इंडियन एयरफ़ोर्स के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भारत के लड़ाकू विमानों ने चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है।
हालांकि भारत की तरफ़ से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पाकिस्तान में इसे लेकर काफ़ी हलचल है। कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में हमला नहीं किया है बल्कि बालाकोट में किया है।
पाकिस्तानी पत्रकार मुशर्रफ़ ज़ैदी ने ट्वीट कर कहा है, ''बालाकोट आज़ाद कश्मीर में नहीं है। अगर भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में बम गिराए हैं तो यह तो नियंत्रण रेखा और आज़ाद कश्मीर के भी पार है। बालाकोट ख़ैबर पख़्तुनख़्वा में है। इंडिया ने केवल नियंत्रण रेखा पार नहीं किया है कि बल्कि यह पाकिस्तान पर हमला है।''
हालांकि इस बात को लेकर भी बहस छिड़ गई है कि किस बालाकोट में भारतीय लड़ाकू विमान पहुंचे थे। यह बहस पाकिस्तान और भारत दोनों जगह हो रही है।
पाकिस्तानी पत्रकार मुशर्रफ़ ज़ैदी समेत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पूछा है कि यह बालाकोट पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर वाला है या ख़ैबर पख़्तुनख़्वा वाला।
इस बीच पाकिस्तान के आर्मी प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी है, ''भारतीय लड़ाकू विमान नियंत्रण रेखा के पार मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर के तीन-चार किलोमीटर भीतर तक घुसे थे। किसी भी तरह का कोई नुक़सान नहीं हुआ है और कोई हताहत नहीं हुआ है।''
कहां है बालाकोट
बालाकोट पाकिस्तान ख़ैबर पख़्तुनख़्वा प्रांत के मनशेरा ज़िले में है। यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद 160 किलोमीटर की दूरी पर है।
कश्मीर में जब 2005 में भूकंप आया तो बालाकोट पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। 2005 के भूकंप के बाद इस शहर को फिर से पटरी पर लाने में काफ़ी वक़्त लगा था। इस शहर को फिर से बनाने में सऊदी ने भी काफ़ी मदद की थी।
7.6 की तीव्रता वाले भूकंप में बालकोट के 12 यूनियन काउंसिल दब गए थे और इनमें कम से कम 40 हज़ार लोगों के घर थे। बालाकोट पर्वतीय और बेहद ख़ूबसूरत इलाक़ा है। ख़ैबर पख़्तुनख़्वा और गिलगित बल्टिस्तान सुहाने मौसम के लिए जाने जाते हैं।
बालाकोट कुनहर नदी के तट पर है। बालाकोट अपनी ख़ूबसूरती के अलावा विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है। बालाकोट पाकिस्तान में पर्यटन के लिए काफ़ी लोकप्रिय है। बालाकोट सिंधु घाटी सभ्यता के चार प्राचीन तटीय इलाक़ों में से एक है।