देशभर में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर अब राजस्थान की राजधानी जयपुर में नेशनल हाइवे 11 पर एक बच्चा चोर गैंग के पकड़े जाने की खबर वायरल हो रही है। अशोक गुप्ता नामक फेसबुक यूजर ने तस्वीरें शेयर कर दावा किया है कि बच्चा चोर गैंग तीन बच्चों को गाड़ी की डिक्की में छुपाकर ले जा रहा था।
क्या है वायरल तस्वीरों में-
19 अगस्त को फेसबुक पर अशोक गुप्ता ने पांच तस्वीरें शेयर कर लिखा- ‘जयपुर मैं प्रेम नगर पुलिया बाल्टी फैक्ट्री के पास में एनएच 11 पर बच्चों को ले जाते हुए पकड़े गए। सावधान जयपुर’
पहली तस्वीर में सड़क किनारे किसी गोडाउन के पास भीड़ खड़ी दिखाई दे रही है। दूसरी तस्वीर में साधू के भेष में एक शख्स गाड़ी में बैठा हुआ दिखाई देता है। तीसरी तस्वीर में वही साधू दिखाई दे रहा है। चौथी तस्वीर पहले वाली गोडाउन के पास वाली है। पांचवी तस्वीर में एक कार की डिक्की में तीन बच्चे दिखाई दे रहे हैं।
क्या है सच-
सबसे पहली बात जो गौर करने वाली है, वह यह है कि साधु की भेष में दिख रहा शख्स बोलेरो में दिख रहा है, जबकि बच्चे तो गाड़ी की डिक्की में पाए गए। चूंकि बोलेरो में डिक्की नहीं होती है, तो यह स्पष्ट है कि दोनों तस्वीरें एक घटना की नहीं हैं।
फिर हमने इन तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च किया। जैसे ही पहली तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया, वायरल दावे की पोल वहीं खुल गई। पहली तस्वीर को हमने बच्चा चोर कीवर्ड के साथ सर्च किया, तो हमें रिजल्ट में
हरियाणा पंजाब केसरी की एक न्यूज लिंक मिली, जिसमें यह तस्वीर लगी थी। इसी न्यूज में हमें वायरल पांचवी तस्वीर भी मिल गई, जिसमें एक कार की डिक्की में तीन बच्चे दिखाई दे रहे हैं।
इस न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, एक परिवार हरिद्वार से पिंडदान कर लौट रहा था। गाड़ी में महिलाएं और पुरुष थे। उनके तीन-चार बच्चे डिक्की में बैठे थे, लेकिन गर्मी की वजह से कार की डिक्की को खुला रखा गया था। कुरुक्षेत्र के लाडवा में जब ट्राफिक में उनकी कार रुकी, वहां मौजूद लोगों को डिक्की में बैठे बच्चे दिखे तो उन्होंने परिवार को बच्चे चुराने वाली गैंग समझ लिया और उनको पुलिस थाने ले गए। लेकिन पुलिस ने पूछताछ कर तसल्ली की और सबको जाने दिया।
पड़ताल जारी रखते हए हमने साधु की वेशभूषा वाले शख्स की दोनों तस्वीरों को रिवर्स सर्च किया, तो रिजल्ट में हमें कोई खास परिणाम नहीं मिले। लेकिन यह तो स्पष्ट है कि डिक्की में बैठे बच्चे किडनैप किए गए नहीं थे, बल्कि उसी परिवार के थे।
आपको बता दें कि इन्हीं तस्वीरें को फेसबुक और ट्विटर पर झरसुगड़ा-संबलपुर, बेंगलुर जैसे कई अन्य स्थानों के नाम पर भी शेयर किया जा रहा है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि कार की डिक्की में बैठे बच्चों का अपहरण नहीं किया गया था, बल्कि परिवार ने ही उनको डिक्की में बिठाया था।