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इंदौर में हर अच्छे आयोजन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं : अभय छजलानी

हमें फॉलो करें इंदौर में हर अच्छे आयोजन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं : अभय छजलानी
, शुक्रवार, 17 नवंबर 2017 (21:17 IST)
- सीमान्त सुवीर 
 
मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संगठन के आजीवन अध्यक्ष  पद्मश्री अभय छजलानी ने 62वीं राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती प्रतियोगिता के संदर्भ में कहा कि 'अभय प्रशाल' के दरवाजे शहर में होने वाले हर अच्छे आयोजन के लिए खुले हैं। यह सिर्फ हमारे लिए ही नहीं, बल्कि इंदौर शहर के सम्मान की बात रहती है।
 
15 नवम्बर से शहर के दिल कहे जाने वाले 'अभय प्रशाल' में राष्ट्रीय कुश्ती का आयोजन अपने पूरे शबाब पर है। इस प्रतियोगिता में दो ओलंपियन सुशील कुमार के अलावा साक्षी मलिक भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। उनके अलावा फोगाट बहनें भी कुश्ती कला से हजारों दर्शकों का दिल जीत रही हैं।
जब से यह आयोजन शुरू हुआ है, तब से अभयजी सतत रूप से संपूर्ण आयोजन पर अपनी नजरें रखे हुए हैं और मैट पर चलने वाले रोमांचक मुकाबलों को देख भी रहे हैं। एक विशेष मुलाकात में उन्होंने कहा कि जब इंदौर के ओलंपियन पप्पू यादव मेरे पास इस आयोजन की मेजबानी लेकर आए तो मुझे कुछ संशय था, क्योंकि अभय प्रशाल में फ्लोरिंग लकड़ी की है, जहां सतत रूप से टेबल टेनिस की गतिविधियां चलती हैं।
 
अभयजी ने कहा कि पप्पू ने मुझे आश्वस्त किया कि लकड़ी का फर्श खराब नहीं होगा। इंदौर में कुश्ती का इतना बड़ा आयोजन होना भी शहर के सम्मान की बात है। हम भी यही चाहते थे कि शहर का एक भी व्यक्ति नाराज न हो, क्योंकि पहली बार इंदौर को इतने भव्य आयोजन की मेजबानी मिली थी। इंदौर शहर कुश्ती में अपना अलग स्थान रखता आया है और यहां कई बड़े पहलवान अपनी कुश्तियां लड़े हैं और कई अखाड़े बने रहे। 
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती के जरिए शहर में एक बार फिर से कुश्ती का आह्वान हुआ है। मैं भी यही चाहता हूं कि शहर में जो कुश्ती कला थी, वो फिर से पनपे और हम भी उसमें सहभागी बनें। यूं तो अभय प्रशाल का निर्माण सिर्फ टेबल टेनिस की गतिविधियों के लिए किया गया था, लेकिन यदि शहर के सम्मान के लिए कोई बड़ा आयोजन होता है तो हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं।
 
अभयजी ने यह भी कहा कि मुझे हर अच्छी चीज का शौक रहा है। यहां पर मैं कुश्ती लगातार देख रहा हूं। यह नहीं देखता कि मैट पर कौनसा पहलवान लड़ रहा है, मैं तो सिर्फ कुश्ती के उन्माद को देखता हूं और रोमांचित होता हूं। मैं जो अच्छी चीजें जानता नहीं हूं, कम से कम उन्हें अपनी आंखों से देख तो लूं...
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सुबह सुशील जब मिजोरम के लालमल सावमा से अपना पहला मुकाबला लड़ने के लड़ने के लिए मैट पर आए तो अभय जी ने ही इसकी शुरुआत दोनों पहलवानों का हाथ मिलाकर करवाई थी। दोपहर बाद भी वे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के गौंडा से 5 पांच बार के सांसद ब्रजभूषण सिंह शरण व हिंद केसरी जयप्रकाश पहलवान के साथ कुश्ती मुकाबले देखते रहे। 

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