श्रावण मास में सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त 2022 को रहेगा। यदि आप संकटों से मुक्त होकर घर में सुख, शांति, धन और उन्नति चाहते हैं तो सोमवार के दिन शिवजी की विशेष पूजा करने के साथ ही शिव के निम्नलिखित 10 प्रतीकों में से कोई एक प्रतीक वहां अर्पण कर दें। आपको शिवजी का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा।
1. त्रिशूल : त्रिशूल 3 प्रकार के कष्टों दैनिक, दैविक, भौतिक के विनाश का सूचक भी है। आपके तीनों कष्ट मिट जाएंगे।
2. रुद्राक्ष : माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई थी।
3. डमरू : डमरू नाद का प्रतीक है। नाद से ही वाणी के चारों रूपों की उत्पत्ति मानी जाती है- 1. पर, 2. पश्यंती, 3. मध्यमा और 4. वैखरी।
4. कमंडल : कमंडल में जल होता है जो अमृत का प्रतीक है। कमंडल हर संत या योगी के पास होता है।
5. शिव कुंडल : दो कान के छल्ले, जिन्हें 'अलक्ष्य' और निरंजन कहा जाता है, भगवान द्वारा पहनें गए हैं।
6. चन्द्रमा : शिव द्वारा चन्द्रमा को धारण करना मन के नियंत्रण का भी प्रतीक है। यह अर्द्धचन्द्र शैवपंथियों और चन्द्रवंशियों के पंथ का प्रतीक चिह्न है।
7. वासुकि : शिव के गले में जो सर्व है उसे वासुकि कहते हैं। चांदी का एक छोटा सा सर्प चिन्ह शिवजी को अर्पण करें।
8. चंदन : शिवजी को चंदन और भस्म प्रिय है। वे अपने मस्तक पर चंदन का त्रिपुंड तिलक लगाते हैं।
9. कमल : जिसमें नौ पंखुड़ियां हैं, जो कि नौ दुर्गाओं का द्योतक है।
10. विभूति : इसे भस्म भी कहते हैं। यही शिवजी का वस्त्र है।