नंदी ने दिया था रावण को ये श्राप, इसलिए हो गया उसका सर्वनाश

अनिरुद्ध जोशी
भगवान शिव के प्रमुख गणों में से एक है नंदी।  शिव की घोर तपस्या के बाद शिलाद ऋषि ने नंदी को पुत्र रूप में पाया था। शिलाद ऋषि ने अपने पुत्र नंदी को संपूर्ण वेदों का ज्ञान प्रदान किया। अल्पायु नंदी ने शिव की घोर तपस्या की। शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने कहा वरदान मांग। तब नंदी ने कहा, मैं उम्रभर आपके सानिध्य में रहना चाहता हूं। नंदी के समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने नंदी को पहले अपने गले लगाया और उन्हें बैल का चेहरा देकर उन्हें अपने वाहन, अपना दोस्त, अपने गणों में सर्वोत्तम के रूप में स्वीकार कर लिया।
 
 
जिस तरह गायों में कामधेनु श्रेष्ठ है उसी तरह बैलों में नंदी श्रेष्ठ है। आमतौर पर खामोश रहने वाले बैल का चरित्र उत्तम और समर्पण भाव वाला बताया गया है। इसके अलावा वह बल और शक्ति का भी प्रतीक है। बैल को मोह-माया और भौतिक इच्छाओं से परे रहने वाला प्राणी भी माना जाता है। यह सीधा-साधा प्राणी जब क्रोधित होता है तो सिंह से भी भिड़ लेता है। यही सभी कारण रहे हैं जिसके कारण भगवान शिव ने बैल को अपना वाहन बनाया। शिवजी का चरित्र भी बैल समान ही माना गया है।
 
 
एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने कैलाश गया। वहां उसने नंदीजी को देखकर उनके स्वरूप की हंसी उड़ाई और उन्हें वानर के समान मुख वाला कहा। तब नंदीजी ने रावण को श्राप दिया कि वानरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुध का मेष राशि में गोचर, 4 राशियों के रहेगा शुभ

मई 2025 का मासिक राशिफल: हर राशि के लिए विशेष भविष्यवाणियां

कब है वृषभ संक्रांति, क्या है इसका महत्व

भारत के संबंध में बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस और अच्युतानंद ने पहले ही बता दी थीं ये बातें

जूठे बचे भोजन का क्या करना चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने बताया उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो ये 5 काम जरूर करें, नहीं तो जाना व्यर्थ ही समझो

सिन्धु या गंगा: कौन है ज्यादा लम्बी नदी, जानिए उद्गम, मार्ग और किसमें बहता है ज्यादा पानी

गंगा उत्पत्ति की पौराणिक कथा

गंगा सप्तमी के दिन क्या करते हैं जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 03 मई 2025, कैसा बीतेगा आज सभी का दिन, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

अगला लेख
More