Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या है महाराजा दिग्विजय सिंह जाम साहेब और Poland कनेक्शन?

हमें फॉलो करें क्या है महाराजा दिग्विजय सिंह जाम साहेब और Poland कनेक्शन?
, शनिवार, 5 मार्च 2022 (18:43 IST)
दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह की दरियादिली की इस वक्‍त सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। महाराजा ने पोलैंड के नागरिकों की तब मदद की थी, जब कई देशों ने उन्‍हें मदद देने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, यह काम उन्‍होंने तब किया जब खुद भारत गुलाम था और अंग्रेजों ने भी बच्चों को आश्रय देने से इनकार कर दिया था।

आइए जानते हैं क्‍या है महाराजा दिग्विजय सिंह का पौलेंड कनेक्‍शन।

1989 में जब पोलैंड रूस से अलग हुआ तो यहां के लोगों ने आभार जताने के लिए जाम साहेब के नाम पर एक चौक का नाम रखा।

पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ में जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह के नाम पर एक चौक समर्पित किया गया है।
दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध में 1939 में जर्मनी और रूस की सेना ने पोलैंड पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में अपने देश को बचाने के लिए पोलैंड के हजारों सैनिक मारे गए और उनके बच्चे अनाथ हो गए।

1941 तक ये बच्चे पोलैंड के शिविरों में रहते रहे, लेकिन इसके बाद रूस ने बच्चों को वहां से भगाना शुरू कर दिया। तब 600 से ज्यादा बच्चे अकेले या अपनी मां के साथ एक नाव पर सवार होकर जान बचाने के लिए निकले थे, लेकिन कई देशों ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया। जब उनकी नाव मुंबई पहुंची तो जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह ने दरियादिली दिखाते हुए उन्हें शरण दी। तब भारत गुलाम था और अंग्रेजों ने भी बच्चों को आश्रय देने से इनकार कर दिया था।

1946 तक पोलैंड के रिफ्यूजी बच्चे जामनगर से 25 किलोमीटर दूर बालाचड़ी गांव में रहते रहे और उसके बाद पोलैंड सरकार ने उन्हें वापस बुला लिया। 1989 में जब पोलैंड रूस से अलग हुआ तो यहां के लोगों ने आभार जताने के लिए जाम साहेब के नाम पर एक चौक का नाम रखा। आज भी पोलैंड से लोग हर साल भारत के बालाचड़ी गांव आते हैं और उस धरती को प्रणाम करते हैं, जिसने दूसरे विश्वयुद्ध में उनकी जान बचाई थी।

इस बीच पोलैंड और रूस के मित्र देश बेलारूस के बीच युद्ध होने का खतरा मंडरा रहा है। सीमा पर अधिक सैनिकों की तैनाती वाली खबर सुनते ही पोलैंड ने भी अपनी सीमा पर भारी हथियारों से लैस 15000 सैनिकों को तैनात कर दिया है।

पोलैंड का आरोप है कि उसकी सीमा पर आने वाले शरणार्थियों को बेलारूस हथियार मुहैया करवा रहा है, ताकि वह बलपूर्वक पोलैंड में प्रवेश कर सकें। ऐसे में कहा जा रहा है कि सोमवार को पोलैंड के सैनिक शरणार्थियों के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, ये शरणार्थी मध्यपूर्व और अफ्रीका के देशों से आए हैं। ये लोग बेहतर जीवन जीने के लिए यूरोप में बसना चाहते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Haryana Budget 2022 : राज्‍यपाल ने की बजट सत्र की शुरुआत, बोले- सरकार ने खत्‍म किया भाई-भतीजावाद, भ्रष्‍टाचार पर लगाई लगाम...