पौराणिक कथा के अनुसार, व्यस्तता के कारण भगवान श्रीकृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे।राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्रीकृष्ण से रूठ गई थीं।
राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए।वनों की स्थिति के बारे में जब श्रीकृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे।श्रीकृष्ण के आने से राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई।
कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया।राधा ने भी ऐसा ही श्रीकृष्ण के साथ किया।
यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए।कहते हैं कि तभी से हर साल मथुरा वृंदावन में फूलों की होली खेली जाने लगी।