होली से पहले फुलेरा/फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विधि विधान के साथ कृष्ण जी और राधा जी की पूजा से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। फुलेरा दूज एक शुभ पर्व है, जिसे उत्तर भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।
यह त्योहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। शाब्दिक अर्थ में फुलेरा का अर्थ 'फूल' फूलों की अधिकता को दर्शाता है। मान्यता यह है कि इस दिन भगवान कृष्ण फूलों के साथ खेलते हैं और फुलेरा दूज की शुभ पूर्व संध्या पर होली के त्योहार में भाग लेते हैं। यह त्योहार लोगों के जीवन में खुशियां और उल्लास लाता है।
साल 2021 में 15 मार्च को फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाएगा। हम आपको बता रहे हैं फुलैरा दूज पर क्या करें और क्या न करें।
1. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा की जाती है। इस दिन दोनों पर गुलाल जरूर अर्पित करें क्योंकि इस दिन से होली शुरू होती है।
2. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर राधा कृष्ण को रंग बिरंगे फूल जरूर अर्पित करें, इससे परस्पर प्यार बढ़ेगा। राधा-कृष्ण के मंदिर जाकर इस दिन दर्शन जरूर कर लें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
3. फुलेरा/ फुलैरा दूज के दिन राधा जी को श्रृंगार की वस्तुएं जरूर अर्पित करें और उनमें से कोई चीज अपने पास संभाल कर रख लें। ऐसा करने से जल्द विवाह होगा। आप चाहें तो इस दिन बिना किसी मुहूर्त के भी विवाह कर सकते हैं।
4. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर सभी मांगलिक कार्य करें। गाय को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी और सभी दुख दूर हो जाएंगे।
5. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर किसी का भी अपमान न करें। प्रेमी का तो बिल्कुल भी नहीं, इसी तरह घर के वरिष्ठों का भी नहीं। यह अशुभ फलदायक होता है।
6. फुलेरा/ फुलैरा दूज के दिन राधा कृष्ण को गुलाल अर्पित किया जाता है। इस गुलाल को अपने पैरों में न आने दें। इस दिन किसी की निंदा न करें। किसी कृष्ण भक्त का अपमान न करें। गाय, मयूर और छोटी बछिया को आहार दें।
7. फुलेरा/ फुलैरा दूज के मौके पर भूलकर भी मांसाहार न करें। इस दिन शराब के सेवन से भी दूर रहें।