मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में प्रमुख सहयोगी भाजपा के प्रति अपना रूख कड़ा करते हुए शिवसेना ने कहा कि राज्य में भाजपा नीत सरकार में बने रहना है या नहीं इस पर वह जल्द फैसला लेगी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसके बाद पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पार्टी सरकार में बने रहने पर जल्द फैसला लेने वाली है।
राउत ने कहा, 'देखते जाइए। महाराष्ट्र में और देशभर में लोगों में बहुत असंतोष है।' उन्होंने कहा कि सरकार की असमर्थता की वजह से जनता अनेक मुद्दों का सामना कर रही है। शिवसेना इन सबमें शामिल नहीं रहना चाहती।'
उन्होंने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों को घेरा लेकिन फैसला लेने से पहले केवल राज्य सरकार को अल्टीमेटम देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि उद्धवजी, मुख्यमंत्री को अल्टीमेटम देंगे और फिर फैसला करेंगे। फडणवीस सरकार में शिवसेना के 12 मंत्री हैं जिनमें पांच कैबिनेट दर्जे के हैं। महाराष्ट्र में 39 विधान परिषद सदस्य हैं। केंद्र की मोदी सरकार में शिवसेना का केवल एक मंत्री हैं और इस पर वह कई बार नाखुशी प्रकट कर चुकी है।
आज ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कांग्रेस पर खुद के और उनके समर्थकों के साथ ‘अन्याय’ करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने का संकेत दिया। शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए राणे के अब भाजपा में आने की अटकलें हैं।
राउत ने भाजपा पर नाकामियों का आरोप लगाया जो इस बात का संकेत है कि लंबे समय से सहयोगी रहे दोनों दलों के संबंधों में तनाव और बढ़ गया है।
राउत ने कहा कि भाजपा शासन में महंगाई बढ़ गई और किसानों से संबंधित कई सवाल अनुत्तरित हैं। किसानों के लिए पूरी कर्ज माफी पर फैसला भी अटका हुआ है। इस सब से गुस्सा बहुत ज्यादा है। वह दिन जल्द आएगा जब उद्धव ठाकरे सरकार में बने रहने पर अंतिम फैसला लेंगे। (भाषा)