Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

अध्ययन व अध्यापन के क्षेत्र में परफॉर्म करने के लिए टीचिंग फिलॉसफी को समझना जरूरी : प्रो. के. रामनारायण

हमें फॉलो करें अध्ययन व अध्यापन के क्षेत्र में परफॉर्म करने के लिए टीचिंग फिलॉसफी को समझना जरूरी : प्रो. के. रामनारायण
, शुक्रवार, 8 जून 2018 (22:33 IST)
जयपुर। टीचर बाईचांस बने हैं या बाई चॉइस, लेकिन अध्ययन व अध्यापन के क्षेत्र में परफॉर्म करने के लिए टीचिंग फिलॉसफी को समझना जरूरी है। यह बात मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के चेयरपर्सन, प्रो. के. रामनारायण ने कही। वे मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर में 'स्किलपटिंग एन एकेडेमिक टीचिंग पोर्टफोलियो' विषय पर आयोजित मिनी वर्कशॉप में विश्वविद्यालय के फेकल्टी सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने टीचिंग फिलॉसफी की चर्चा करते हुए सभी फेकल्टी सदस्यों को बेस्ट टीचर बनने के टिप्स दिए।
 
 
उन्होंने टीचिंग इफेक्टिवनेस, करिकुलम डेवलपमेंट के बारे में बताया। उन्होंने टीचिंग, रिसर्च एवं कंसल्टेंसी के कॉम्बिनेशन को समझाते हुए एक सफल टीचर बनने के लिए आवश्यक जानकारी दी। वहीं टीचिंग इफेक्टिवनेस के लिए स्टूडेंट रेटिंग, पीआर रेटिंग, सेल्फ इवेल्युएशन, कोर्स इवेल्युएशन, एडमिस्ट्रेटर रेटिंग, एजुकेशनल रिसर्च, लर्निंग आउटकम, एल्युमिनाई रेटिंग, एम्प्लॉयर रेटिंग, रिसर्च रेटिंग सहित विभिन्न प्रकार की रेटिंग्स के बारे में विस्तार से चर्चा की।
 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट प्रो. जीके प्रभु ने एक टीचर को विद्यार्थियों द्वारा पसंद करने एवं नहीं करने के लिए सभी फेकल्टी सदस्यों से अपने अनुभव साझा करते हुए सेल्फ इवेल्युएशन करने का आह्वान किया। साथ ही कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन, प्रो. के. रामनारायण का समय-समय पर विश्वविद्यालय में टीचर्स के लिए इस तरीके की वर्कशॉप एवं सेमिनार के आयोजन करते रहने के लिए धन्यवाद दिया एवं आभार जताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन, प्रो. के. रामनारायण ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से फेकल्टी सदस्यों की जिज्ञासाओं को शांत किया।
 
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रो-प्रेसीडेंट, प्रो. एनएन शर्मा, विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार, प्रो. वंदना सुहाग, डीन, फेकल्टी अफेअर्स एवं प्रो-वोस्ट, प्रो. अवधेश कुमार, डीन, फेकल्टी ऑफ आर्ट एंड लॉ, प्रो. मृदुल श्रीवास्तव, डीन, फेकल्टी ऑफ मैनेजमेंट, प्रो. निलांजन चट्टोपाध्याय, प्रो. राज शर्मा सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न फेकल्टी के डीन, स्कूल्स के निदेशक, विभागों के विभागाध्यक्ष एवं फेकल्टी सदस्य मौजूद थे।
 
प्रतिबद्धता की कहानी है मणिपाल विश्वविद्यालयजयपुर
 
मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर कल्पना, प्रेरणा एवं विश्वविद्यालय के सभी फेकल्टी सदस्यों एवं कर्मचारियों की मेहनत एवं प्रेरणा की कहानी है। यह बात मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर के चेयरपर्सन प्रो. के. रामनारायण ने कही। वे मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर के स्थापना दिवस समारोह के आयोजन अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
 
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें इस सफलता से संतुष्ट होकर नहीं रुकना चाहिए एवं मेहनत करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। स्थापना दिवस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर स्थित एकेडेमिक ब्लॉक 2 में बने 2 नए ऑडिटोरियम एवं एम्पीथिएटर के नामकरण सेरेमनी का आयोजन भी किया गया। इन ऑडिटोरियम में प्रथम नए ऑडिटोरियम का नाम श्रीमती शारदा पै, दूसरे नए ऑडिटोरियम का नाम डॉ. टीएमए पै तथा एम्पीथिएटर का नाम डॉ. रामदास पै के नाम पर रखा गया।
 
स्थापना दिवस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट प्रो. जीके प्रभु ने विश्वविद्यालय के अचीवमेंट्स एवं गोल के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने इस विश्वविद्यालय के 2011 से लेकर अब तक के विकास में सहयोग के लिए एडवाइजर-एमईएमजी अभय जैन, विश्वविद्यालय के पूर्व प्रेसीडेंट ब्रिगेडियर सुरजीत एस. पाबला, पूर्व प्रेसीडेंट प्रो. संदीप संचेती एवं सीनियर फेकल्टी सदस्यों के कार्यों की सराहना की। साथ ही उन्होंने टीचिंग एवं रिसर्च पर फोकस करने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार, प्रो. वंदना सुहाग ने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक के विकास के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
 
प्रो. सुहाग ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में 45 पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं तथा 3 करोड़ की स्कॉलरशिप विद्यार्थियों को दी जा रही है। करीब 121.6 एकड़ में बने मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 130 लैब, वाईफाई सुविधाओं सहित 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों के लिए होस्टल में रहने की व्यवस्था है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय को स्वच्छता रैंकिंग, भारत में मल्टी डिसीप्लेनरी यूनिवर्सिटी में 74वीं रैंक सहित कई नेशनल एवं इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं।
 
विश्वविद्यालय ने स्थापना से अब तक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों एवं उद्योग जगत से मिलकर 83 एमओयू साइन किए है। 29 स्टार्टअप डेवलप करने के साथ ही विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं नॉन इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का प्लेसमेंट क्रमश: 75 एवं 85 प्रतिशत रहा है।
 
आगामी सत्र 2018-19 तक करीब 8,500 विद्यार्थियों के साथ तेजी से ग्रोथ करने वाला यह देश का अग्रणी विश्वविद्यालय बन चुका है। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रो. के. रामनाराण, प्रेसीडेंट प्रो. जीके प्रभु, रजिस्ट्रार प्रो. वंदना सुहाग, प्रो-प्रेसीडेंट प्रो. एनएन शर्मा, ग्रुप प्रेसीडेंट एकेडमिया एमईएमजी राजन पादुकोण एवं ग्रुप प्रेसीडेंट एचआर-एमईएमजी निशिथ मोहंती ने दीप प्रज्वलन कर किया।
 
स्थापना दिवस अवसर पर मणिपाल ग्रुप संग हौसलों की उड़ान, सेलिब्रेटी डांस तथा शॉर्ट फिल्म उम्मीदों का आकाश भी दिखाई गई। एमयूजे के स्थापना दिवस अवसर पर विश्वविद्यालय की फेकल्टी डॉ. प्रशस्ति जैन ने एक गीत प्रस्तुत किया एवं विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. तन्मय चक्रवर्ती ने कन्क्लूडिंग रिमार्क्स प्रस्तुत कर सभी को धन्यवाद दिया।
 
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की डीन (फेकल्टी ऑफ आर्ट एंड लॉ) प्रो. मृदुल श्रीवास्तव, डीन (फेकल्टी ऑफ साइंस) प्रो. जीसी टिक्कीवाल, प्रो एनडी माथुर, प्रो. राज शर्मा, प्रो. जीएल शर्मा, प्रो. अनिल मेहता, प्रो. एडी व्यास, प्रो. एमएल वढेरा, प्रो. अजय कुमार, प्रो. कुशल कुमार, एचआर डिपार्टमेंट से एचएस भट्ट, वीरेन्द्र यादव, देब आशीष, चीफ फाइनेंस एंड अकाउंट्स ऑफिसर सुजीबान घोष, फेकल्टी सदस्य, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राजीव गांधी की हत्या की तर्ज माओवादी बना रहे हैं नरेंद्र मोदी की हत्या करने की योजना