Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मौनी व सोमवती अमावस्या पर कुंभ में आस्था के समंदर को नियंत्रित करेगा जिग जैग

हमें फॉलो करें मौनी व सोमवती अमावस्या पर कुंभ में आस्था के समंदर को नियंत्रित करेगा जिग जैग
, रविवार, 3 फ़रवरी 2019 (23:55 IST)
कुंभ नगर। मानव इतिहास में संभवत: दुनिया के सबसे बड़े मेले कुंभ में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर त्रिवेणी में एक अदद डुबकी की अभिलाषा दिल में संजोए संगम क्षेत्र में उमड़ रहे जनसैलाब को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन मेला क्षेत्र में जिग जैग का अनूठा प्रयोग करने को तैयार है।
 
 
कुंभ अपर मेला अधिकारी दिलीप कुमार त्रिगुनायत ने बताया कि लाल और काली सड़क के बीच खाली पड़े मैदान में बल्लियों से घेरकर जिग-जैग (भूलभुलैया) तैयार किया गया है। मात्र 1 किमी की परिधि में तैयार इस भूलभुलैया में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध ढंग से एक निर्धारित स्थान के भीतर ही घूमना है। भीड़ को जिग जैग में घुसने के बाद निकलने में कम से एक से डेढ़ घंटे का समय लगेगा। इतना समय प्रशासन को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए पर्याप्त रहेगा।
 
उन्होंने बताया कि संगम तट पर अधिक भीड़ होने, पीछे से और अधिक आने वाली भीड़ को नियंत्रित करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। संगम नोज की भीड़ छंटने के साथ जिग-जैग में फंसे श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने का मौका दे दिया जाएगा। इस तरह नोज पर भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। अधिक भीड़ बढने पर किसी प्रकार की भी अनहोनी होने की आशंका बढ़ सकती है, हालांकि मेला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
 
त्रिगुनायत ने शहर के भीतर लंबे रूट डायवर्शन को भी यही कारण बताते कहा कि यदि इस प्रकार लंबी दूरी नहीं तय की जाए तो भीड़ पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा। कुंभ के सभी 6 स्नान महत्वपूर्ण हैं लेकिन मौनी अमावस्या का स्नान सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण होने के कारण अधिक भीड़ और तनाव वाला होता है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भव्य और दिव्य कुंभ में श्रद्धालुओं को गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश और विदेश में निमंत्रण भेजकर बुला रहे हैं वहीं कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अजब-गजब योजना बनाकर इन्हें परेशान करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं लगा रहे।
 
गौरतलब है कि नक्षत्रों की अद्भुद जुगलबंदी से सोमवार को मौनी अमावस्या के साथ ही इसी दिन सोमवती अमावस्या के लगभग 5 दशक बाद अमृत वर्षा के दुर्लभ संयोग के पुण्य लाभ के लिए दुनियाभर से अलग-अलग संस्कृतियों और भाषाओं के श्रद्धालुओं का उमड़ता-घुमड़ता रेला बढ़ता चला आ रहा है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मौनी अमावस्या पर 3 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान करने की उम्मीद