इम्फाल। मणिपुर में बीजेपी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा के 3 विधायकों ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी से इस्तीफा देने वाले विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही बीजेपी की सरकार को समर्थन दे रहे 6 और विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले तीनों विधायकों के नाम एस. सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई हैं। इनके अतिरिक्त नेशनल पीपुल्स पार्टी की ओर से डिप्टी सीएम वाई जयकुमार सिंह, मंत्री एन कायिसी, मंत्री एल जयंत कुमार सिंह और लेतपाओ हाओकिप ने पद से इस्तीफा दिया है। तृणमूल कांग्रेस के विधायक टी रबिंद्रो सिंह और निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन ने सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है।
मणिपुर में अभी एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री हैं। बुधवार को बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों और पद से इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने कांग्रेस को समर्थन की बात कही है। ऐसे में राज्य में कभी भी राष्ट्रपति शासन लगाए जाने संबंधी फैसला हो सकता है। विपक्षी दल कांग्रेस आश्वस्त है कि ओकराम इबोबी को मणिपुर का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
मणिपुर विधानसभा के लिए चुनाव 2017 में कराए गए थे। चुनाव परिणामों में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। मणिपुर की 60 सदस्यों वाली विधानसभा में 28 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, भाजपा ने 21 सीटें जीती थीं। इन दोनों के अलावा नगा पीपुल्स फ्रंट (एपीएएफ) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 4-4 सीटें जीती थीं। इनके अलावा लोकजनशक्ति पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने एक-एक सीटें जीती थीं। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।