मेरठ। पूर्वी लद्दाख नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, जबकि चीन के 43 सैनिक हताहत होने की सूचना है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, इसी बीच भारतीय सेना की ओर से चीन के हमले में शहीद हुए जवानों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में मेरठ से जुड़े 81 एमपीएससी रेजिमेंट के हवलदार सिपाही बिपुल रॉय का भी नाम शामिल है।
बिपुल रॉय का परिवार कुछ वर्षों से मेरठ में किराए पर रहता है और उनकी 5 साल की एक बेटी तमन्ना है। जैसे ही गलवन घाटी में शहीद हुए बिपुल के शहादत की खबर मेरठ स्थित परिवार पर पहुंची तो कोहराम मच गया। शहीद बिपुल मूलरूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, फिलहाल मेरठ के थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र के रोहटा रोड की कुंदन कुंज कॉलोनी में उनका परिवार रहता है।
मेरठ में शहीद के शहादत की खबर पहुंचते ही सेना व पुलिस-प्रशासन के अधिकारी बिपुल के घर पहुंच गए, शहीद की पत्नी को सांत्वना दी। अधिकारियों के मुताबिक शहीद बिपुल का अंतिम संस्कार पश्चिम बंगाल बिंदी पारा में ही होगा। सेना के अधिकारी शहीद की पत्नी और बेटी को अपने साथ आर्मी हैडक्वार्टर ले गए हैं, जहां से गुरुवार सुबह उनको पश्चिम बंगाल रवाना कर दिया जाएगा।
बिपुल के शहीद होने की सूचना जैसे ही फोन पर मेरठ स्थित निवास पर उनकी पत्नी को मिली तो उनकी सिसकियाँ आसपास के लोगों को सुनाई पड़ी। शहीद के मेरठ स्थित आवास कुंदन कुंज कालोनी मे मातम छा गया।
आसपास के लोगों ने बताया की शहीद बिपुल रॉय फरवरी में छुट्टी लेकर आए थे और लॉकडाउन से पहले ड्यूटी पर चले गए। बिपुल की शहादत की जानकारी मिलते ही उनकी पत्नी रुम्पा रॉय ने तत्काल अपना जरूरी सामान बैग और अटैची में रखना शुरू कर दिया। इसी बीच शहीद की 5 वर्षीय मासूम बेटी तमन्ना ने अपनी मां को रोता हुए देखकर पूछा आप सामान क्यों बांध रही हो, हम कहां जा रहे हैं, पापा ड्यूटी से वापस आ रहे हैं? इन प्रश्नों को सुनकर शहीद की पत्नी की आंखों में आंसू आ गए और उसने अपने इस कलेजे के टुकड़े को बांहों में भर लिया।
शहीद के परिवार को हर संभव मदद उत्तर-प्रदेश सरकार के द्वारा दी जाएगी : मेरठ डीएम अनिल ढींगरा और एस एस पी अजय साहनी ने मुख्यमंत्री का शोक संदेश परिवार को दिया। मुख्यमंत्री ने शहीद सेना के हवलदार बिपुल रॉय की शहादत को शत-शत नमन करते हुए उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ है। शहीद के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
शहीद का परिवार मेरठ से जैसे ही सेना के अधिकारियों के साथ गाड़ी में बैठा तो स्थानीय लोगों ने 'वीर सपूत बिपुल जिंदाबाद', 'भारत माता की जय', 'जब तक सूरज-चांद रहेगा, बिपुल तेरा नाम रहेगा' के नारे लगाने शुरू कर दिए।