नई दिल्ली। उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Severe Cold) पड़ रही है। सर्द और हड्डियों को जमा देने वाली हवा की वजह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। आने वाले 6 दिनों में भी लोगों को इस स्थिति से छुटकारा मिलता नहीं दिखाई दे रहा है।
आगामी सप्ताह के लिए मौसम विभाग ने मौसम का मिजाज मुख्य रूप से शुष्क रहने का अंदेशा जताया है। कश्मीर इस समय चिल्लईकलां की गिरफ्त में है। चिल्लईकलां 40 दिन चलने वाला बेहद ठंड का समय होता है जब सर्वाधिक हिमपात होता है।
मौसम विभाग के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी और तेज हवाओं के चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ सकती है। ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ा है। 31 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में बारिश की संभावना है। 2020 की शुरुआत में मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश देखने को मिल सकती है। दिल्ली में भी बारिश होगी और इससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 30 दिसम्बर के आसपास के नया और प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों श्रीनगर, शिमला, कुफ़री, कुल्ली, मनाली, नैनीताल, मुक्तेश्वर और मसूरी में बर्फबारी हो सकती है। इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित होगा जिसके चलते नए साल की पूर्व संध्या पर और 1 जनवरी, 2010 को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छी बर्फबारी के आसार हैं।