दो साल बाद चुप्पी तोड़ते हुए विजय माल्या ने वह 13,900 करोड़ की संपत्ति बेचकर बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार है। माल्या ने कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को कर्ज के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 15 अप्रैल, 2016 को पत्र लिखा था, लेकिन दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि नेताओं और मीडिया ने ऐसे पेश किया जैसे मैं किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया कर्ज लेकर फरार हो गया हूं। कुछ बैंकों ने मुझे विलफुल डिफॉल्टर यानी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में उसे बैंक धोखाधड़ी करने वालों का पोस्टर ब्वाय बना दिया गया है। उसका नाम आते ही लोग भड़क उठते हैं।
माल्या ने कहा कि ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मेरी और मेरे परिवार की संपत्ति जब्त कर ली है। इस संपत्ति का मूल्य करीब 13,900 करोड़ रुपए है।
माल्या ने कहा कि उसने इसे बेचने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में 22 जून को आवेदन किया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरकार और बैंकों के इशारों पर अपुष्ट और झूठे आरोपपत्र दायर किए हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस पर 31 जनवरी, 2014 तक बैंकों का 6,963 करोड़ रुपये बकाया था। कर्ज पर ब्याज के बाद माल्या की कुल देनदारी 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है। माल्या 2016 में भारत से भाग गया था। फिलहाल वह लंदन में है और मुकदमों का सामना कर रहा है।
भारत सरकार की ओर से जारी वारंट पर कार्रवाई करते हुए माल्या को 18 अप्रैल, 2017 को लंदन में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे तुरंत जमानत मिल गई थी।
पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत से हाल में लाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश, 2018 के तहत माल्या को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की मांग की थी। इस अध्यादेश के तहत दायर की गई यह पहली अर्जी है। माना जा रहा है कि माल्या ने इसके जवाब में ही अपनी सफाई पेश की है।