नई दिल्ली। रेलवे ने अपने एसी कोच के यात्रियों को दिए जाने वाले कंबलों की बदबू से छुटकारा दिलाने के लिए उन्हें अब महीने में दो बार धोने की सुविधा पर जोर दिया है। रेलवे ने इस बारे में सभी जोन को सूचित भी किया है।
खबरों के मुताबिक, रेलवे अब अपने एसी कोच के यात्रियों को दिए जाने वाले कंबलों को महीने में दो बार धोएगा, जिससे यात्रियों को अब कंबल से बदबू नहीं आएगी। रेलवे ये कंबल अब तक दो महीने में एक बार ही धोता था। साथ ही रेलवे ने कंबल के मटेरियल में भी बदलाव किया है, ताकि वो जल्दी धुल सकें।
साथ ही रेलवे ने नए कंबल प्रयोग में लाने का फैसला किया है। रेलवे अब यात्रियों की सुविधा के लिए ऊन के साथ नाइलोन मिले कंबल खरीदेगा। इनसे बदबू की शिकायत भी नहीं होगी। हालांकि इनकी कीमत रेलवे के लिए ज्यादा होगी।
रेलवे के अनुसार, अभी जो एसी कोच में कंबल मिलते हैं, उनकी कीमत करीब 400 रुपए है, अब जल्द ही नए कंबल की कीमत तय होगी। रेलवे के कंबलों की कीमत पिछले 10 सालों से नहीं बदली है। नए कंबल की लागत रेलवे के लिए ज्यादा आएगी, इसलिए पुराने कंबलों को चरणों में बदला जाएगा।
कैग की एक रिपोर्ट में रेलवे के कंबलों पर सवाल उठाया गया था। रेलवे बेडरोल की धुलाई की क्षमता बढ़ाने के लिए कई स्टेशनों पर लांड्री की सुविधा में बढ़ोतरी कर रहा है। रेलवे को एसी यात्रियों के लिए हर दिन 3.9 लाख कंबल की जरुरत होती है। एसी फर्स्ट क्लास के यात्रियों के कंबल एक बार उपयोग के बाद बदल दिए जाते हैं, वहीं एसी 2 और एसी 3 के यात्रियों को ये सुविधा नहीं मिलती है।