मुंबई। महाराष्ट् में अघाड़ी गठबंधन की सरकार बनने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार एक के बाद एक खुलासे कर रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि उन्हें पता था कि उनके अजित पवार भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में हैं।
पवार ने 23 नवंबर को भाजपा से हाथ मिलाने के अपने भतीजे अजित पवार के अचानक लिए गए फैसले से खुद को दूर किया था। इससे पहले पवार ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
फडणवीस और अजित पवार ने 23 नवंबर की सुबह अचानक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वो भी ऐसे वक्त जब शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार थे। गठबंधन ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार तय किया था। अजित ने हालांकि 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद फडणवीस ने भी त्यागपत्र दे दिया था जिससे उनकी सरकार महज 80 घंटे के भीतर गिर गई थी।
पवार ने एक इंटरव्यू में कहा कि 'मैं जानता था कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन यह कयास कि मुझे अजित के राजनीतिक कदम के बारे में पता था, गलत है।' पवार हालांकि अजित को लेकर अपना रुख नरम करते दिखे और कहा कि अजित कांग्रेस नेताओं के साथ सरकार गठन को लेकर हो रही बातचीत की गति से नाखुश थे और सत्ता की साझेदारी को लेकर खींचतान से खुश नहीं थे। पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में सोचा नहीं था।
उन्होंने कहा कि 'हम जानते थे कि चुनाव पूर्व गठबंधन (शिवसेना और भाजपा में महाराष्ट्र चुनावों के बाद) में गंभीर मतभेद उभर गए थे और पूर्व सहमति का सम्मान नहीं किया गया था। शिवसेना नाखुश थी और हम गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।
पवार ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किस 'पूर्व सहमति' का संदर्भ दे रहे थे। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने फडणवीस और भाजपा पर अपनी पार्टी से मुख्यमंत्री पद की साझेदारी के वादे का सम्मान नहीं किया। पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ चुनाव से पहले कोई बातचीत नहीं हुई थी। हम शिवसेना और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। उनके साथ जुड़ने का कोई सवाल ही नहीं था। पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि अजित ने जैसा व्यवहार किया, वैसा करेंगे।
अजित पवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में शामिल किए जाने के सवाल पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि विधानसभा के शीत सत्र के खत्म होने के बाद इस पर पार्टी कोई फैसला लेगी। प्रदेश सरकार 5 साल चलेगी, इस सवाल पर पवार ने कहा कि सरकार कार्यकाल पूरा करेगी और विभागों को लेकर कोई खींचतान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम से चलेगी, न कि किसी विचारधारा से। (भाषा)