मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टियों में सरकार बनाने को लेकर खूब खींचतान चली। आखिरकार शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाकर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया है।
शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। एक मराठी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पवार ने कई खुलासा किए। शरद पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि लेकिन, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया सुले को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था।
शरद पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था। मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे, लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने पिछले महीने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
पवार ने कहा कि कहा कि उन्हें नहीं पता कि (पवार) परिवार में क्या किसी ने (अजित पवार से फडणवीस को समर्थन देने के उनके फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए) बात की थी, लेकिन परिवार के सभी का मानना था कि अजित ने गलत किया।
उन्होंने कहा कि बाद में मैंने उनसे कहा कि जो कुछ भी उन्होंने किया, वह क्षम्य नहीं है। जो कोई भी ऐसा करेगा, उसे परिणाम भुगतान होगा और आप अपवाद नहीं हैं। पवार ने कहा कि 28 नवंबर को जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला 'सोच समझकर' लिया गया। (File photo) (भाषा)