नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनीलॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को 1 अप्रैल तक अंतरिम राहत देते हुए कहा कि उनकी याचिका पर वे सोमवार को आदेश देंगे। ईडी ने कहा कि वाड्रा से हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है और जांच को प्रभावित करने का जोखिम भी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा पर लंदन स्थित 12, ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड में संपत्ति की खरीद में मनीलॉन्ड्रिंग का आरोप है। दिल्ली की अदालत ने 27 मार्च तक उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। ईडी ने अदालत को बताया मामले में नए साक्ष्य आए हैं जिनमें उन ई-मेल का आदान-प्रदान भी शामिल है जिसमें लंदन स्थित संपत्ति की खरीद और साज-सज्जा पर चर्चा हुई थी।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह और नीतेश राणा ने अदालत को बताया कि अग्रिम जमानत को खारिज किए जाने की जरूरत है। रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। राणा ने वाड्रा पर मामले के राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हमने (ईडी ने) उन्हें समन नहीं किया, क्योंकि हम इसे राजनीतिक नहीं बनाना चाहते थे। वे (वाड्रा) खुद सामने आए कि वे जांच में शामिल होना चाहते हैं। वे काफी लोगों के साथ हमारे दफ्तर में आए, उनकी पत्नी उन्हें छोड़ने आईं। उन्होंने कहा कि उनकी गतिविधियां, कारोबार, निवेश आदि सभी संदेहास्पद हैं।
वाड्रा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। वाड्रा की ओर से पेश हुए एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने उनके खिलाफ सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा कि अदालत द्वारा दी गई आजादी का उन्होंने गलत इस्तेमाल नहीं किया है।