मिर्जापुर/लखनऊ। सोनभद्र में पिछले बुधवार को हुए गोलीकांड में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात करने से रोकी गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वापस लौट जाने की अधिकारियों की सलाह नहीं मानते हुए चुनार गेस्ट हाउस में रात काटी।
प्रियंका और अधिकारियों के बीच रात करीब 12:00 बजे से 1:15 बजे तक चली दूसरे दौर की बातचीत भी नाकाम रही और प्रियंका तथा उनके सैकड़ों समर्थक चुनार गेस्ट हाउस में ही डटे रहे।
प्रियंका ने देर रात किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस उपमहानिरीक्षक को मुझसे यह कहने के लिए भेजा कि मैं यहां पीड़ितों से मिले बगैर वापस चली जाऊं। न मुझे हिरासत में रखने का आधार बताया गया है और न ही कोई कागज दिए गए।
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैरकानूनी है। मैंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आई हूं। मैंने सरकार के दूतों से कहा है कि मैं उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाऊंगी।
प्रियंका ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रात करीब 1:15 बजे उनसे बैठक बेनतीजा खत्म होने के बाद वापस जाते दिख रहे हैं।
प्रियंका और अन्य समर्थकों के साथ चुनार गेस्ट हाउस में मौजूद कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को बताया कि सरकार बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करके उन्हें गेस्ट हाउस छोड़ने पर मजबूर कर रही है, लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने बताया कि पूरी रात बिजली नहीं आई। इस दौरान प्रियंका सुबह करीब 4:30 बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठी रहीं। सरकार ने गेस्ट हाउस में जलपान का कोई इंतजाम नहीं किया। स्थानीय नागरिक और पार्टी कार्यकर्ता ही कुछ प्रबंध कर रहे हैं।
मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोनभद्र में हुए सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान शुक्रवार को मिर्जापुर के अदलहाट क्षेत्र में प्रशासन ने रोककर अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया था।
प्रशासन के आला अधिकारियों ने उन्हें सोनभद्र में धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए वापस लौट जाने को कहा लेकिन प्रियंका ने उन्हें जवाब दिया कि वह अकेली ही सोनभद्र जाकर पीड़ितों से मिलने के लिए तैयार हैं। ऐसे में निषेधाज्ञा का तनिक भी उल्लंघन नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा और वह उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाएंगी। तब से शुरू हुआ गतिरोध अभी तक जारी है।