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BSF जवान का क्षत‍-विक्षत शव, पाकिस्तानी बैट की क्रूर करतूत

हमें फॉलो करें BSF जवान का क्षत‍-विक्षत शव, पाकिस्तानी बैट की क्रूर करतूत

सुरेश डुग्गर

, गुरुवार, 20 सितम्बर 2018 (19:41 IST)
जम्मू। पाकिस्तानी सेना की खतरनाक टुकड़ी बैट अर्थात बॉर्डर एक्शन टीम कह लीजिए या फिर बॉर्डर रेडर्स द्वारा जम्मू सीमा पर पहली बार किए गए हमले को अधिकारी आने वाले दिनों में खतरे के संकेत के तौर पर ले रहे हैं। अभी तक करगिल युद्ध के बाद आरंभ हुए बैट हमले एलओसी अर्थाल लाइन ऑफ कंट्रोल तक ही सीमति थे।
 
जानकारी के लिए परसों यानी मंगलवार को बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार को पाक रेंजर्स व बैट के सदस्य अपने इलाके में ले गए, जबकि देर शाम शव को क्षत-विक्षत हालत में बरामद किया गया। घंटों तक दी गई यातनाओं के निशान जवान के शरीर पर साफ दिखाई दे रहे थे।
 
शहीद जवान के बदन में तीन गोलियों के निशान पाए गए हैं। देर रात मिले जवान के शव को देखने पर साफ था कि गला रेतने से पहले उसकी आंख में गोली मारी गई है। बिजली का करंट देने अथवा खौलता पानी डाले जाने जैसी हरकत के कारण जवान के पेट व सीने की चमड़ी तक जल गई थी। कलाई व बांह के ऊपरी हिस्सों पर रस्सी से बांधने के भी निशान पाए गए हैं।
 
अभी तक जम्मू सीमा या फिर इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा इस प्रकार के हमले को अंजाम दिए जाने की कभी कोई आशंका भी नहीं हुई थी। यही कारण है कि करगिल युद्ध के 19 साल के बाद जम्मू सीमा पर पहली बार हुए इस प्रकार के हमले ने अगर अधिकारियों के पांव तले से जमीन खिसका दी है। इसी के चलते वे अपनी रणनीति को भी बदलने को मजबूर हुए हैं। इस घटना से सीमावासियों में भी भय व्याप्त है। 
सच तो यह है कि करगिल युद्ध के समय से शुरू हुई पाकिस्तान की अमानवीय हरकतें अब तक जारी हैं। पाकिस्तान सेना, रेंजर और आतंकी मिलकर काम करते हैं और तीन साल में तीन बार भारतीय जवानों के साथ बर्बरता कर चुके हैं। पांच साल पहले बर्बरता से पाकिस्तानी सेना ने सिपाही हेमराज का सिर काट दिया था। अब बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार का गला रेतकर उसके शव से बर्बरता की गई।
 
तब हेमराज का सिर काट लिया था : 8 जनवरी 2013 को पाकिस्तान की बैट टीम ने पुंछ जिले के मेंढर इलाके में एलओसी पर मनकोट नाले के पास सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया। इसमें लांस नायक हेमराज और लांस नायक सुधाकर सिंह शहीद हो गए। बैट टीम हेमराज का सिर काट कर अपने साथ ले गई।
 
इसके बाद 5 अगस्त 2013 में सरला एरिया के पास पाकिस्तान की बैट टीम 500 मीटर तक भारतीय सीमा में घुस आई। 22 सदस्यों वाली बैट टीम में पाकिस्तानी सेना, आतंकी, स्पेशल ग्रुप के कमांडो शामिल थे, जिनके हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। 
 
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के क्षेत्र में भटक कर पहुंचे कैप्टन सौरभ कालिया और पांच सिपाहियों को 20 से 22 दिन तक अमानवीय प्रताड़ना के बाद 6 और 7 जून 1999 के दौरान पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी। बाद में शवों को सौंपा था। तब से लेकर अब तक ऐसा चलता आ रहा है। 

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