मुंबई। Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र का सियासी संकट लगातार गहराता जा रहा है। सियासी ड्रामे में लगातार नए-नए दृश्य दिखाई दे रहे हैं। अभी तक महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में एकनाथ शिंदे की बगावत ही सबसे बड़ी खबर थी, लेकिन शिवसेना के नेता संजय राउत के एक बयान से एनसीपी और कांग्रेस और कांग्रेस भी हैरान है। संजय राउत ने कहा था कि अगर बागी विधायक चाहते हैं तो हम महाविकास अघाड़ी (MVA) से अलग होने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें पहले मुंबई आकर उद्धव ठाकरे से बात करनी होगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उद्धव सरकार के पास बहुमत है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि महाराष्ट्र के इस सियासी पॉलिटिक्स ड्रामे का क्लाइमेक्स क्या होता है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजीत पवार ने एनसीपी की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि अब फैसला उद्धव ठाकरे को लेना है। गुवाहाटी में महाराष्ट्र के बागी शिवसेना विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना।
क्या बोले पवार : अध्यक्ष शरद पवार ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा। पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है। पवार ने कहा, 'एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं)। एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा। पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है।
भतीजे के बयान से असहमति : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें शिवसेना के भीतर विद्रोह में भाजपा की भूमिका नजर नहीं आती, पवार ने कहा कि वह अपने भतीजे से सहमत नहीं हैं। शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार ने ऐसा इसलिए कहा होगा, क्योंकि वह महाराष्ट्र के बाहर के भाजपा नेताओं को नहीं जानते हैं। मैं उन्हें जानता हूं। यहां तक कि एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।'
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कांग्रेस और राकांपा जैसे अन्य राष्ट्रीय दलों की एमवीए को अस्थिर करने में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि शिंदे केवल भाजपा का जिक्र कर रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे।।
बयान पर जताई हैरानी : मुंबई में अजीत पवार ने कहा कि हम आखिर तक उद्धव ठाकरे जी के साथ खड़े हैं, हमारा भी यही प्रयास है कि किसी भी सूरत में सरकार को न गिरने दिया जाए। हम मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर नजर रख रहे हैं। पवार ने कहा कि सरकार को बचाना तीनों दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) की जिम्मेदारी है। संजय राउत ही जानते हैं कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया (शिवसेना MVA से बाहर निकलने पर विचार कर रही है)।
पार्टी की बैठक के बाद NCP नेता छगन भुजबल ने कहा कि हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हैं और अंतिम क्षण तक उनका समर्थन करेंगे। हमारे पास सरकार के लिए नंबर हैं क्योंकि शिवसेना के किसी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है और न ही शिवसेना ने किसी को पार्टी से निष्कासित किया है।
चव्हाण को उद्धव पर भरोसा : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण कहा कि ये सब अफवाह है, कोई समर्थन वापस लेने की बात नहीं है, हम पूरी तरह से उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पीछे खड़े हैं। संजय राउत का अपना निजी फैसला है वो जो चाहते हैं करें। NCP नेता जयंत पाटिल ने कहा कि अभी बहुमत साबित करने का सवाल ही नहीं है, MVA के पास बहुमत है और वह अभी भी सत्ता में है। बात बस इतनी सी है कि शिवसेना के कुछ विधायक दुखी होकर दूसरे राज्य चले गए हैं लेकिन हमें विश्वास है कि शिवसेना उन्हें वापस लाने में कामयाब होगी।
6 और विधायक गुवाहाटी में : महाराष्ट्र के 6 विधायक और एक विधान पार्षद बृहस्पतिवार को गुजरात के सूरत शहर पहुंचे और बाद में वे दो चार्टर्ड विमानों से असम के गुवाहाटी चले गये। सूत्रों ने यह जानकारी दी। शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
छह विधायकों के अलावा, शिवसेना के विधान पार्षद रवींद्र फाटक भी सूरत से भाजपा-शासित असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंचे। फाटक उस दो-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो शिंदे एवं अन्य बागी विधायकों को मनाने एवं राजनीतिक संकट के हल के लिए सूरत के होटल में विचार विमर्श के लिए वहां पहुंचे थे। मीडिया द्वारा प्राप्त यात्री विवरण के अनुसार, फाटक शिवसेना विधायकों - दादाजी भूसे और संजय राठौड़ के साथ गुरुवार को दोपहर सूरत से एक चार्टर्ड उड़ान से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए। भूसे एमवीए सरकार में कृषि मंत्री हैं।
सूत्रों ने कहा कि सुबह चार अन्य विधायक- मंगेश कुदलकर, सदा सर्वंकर, आशीष जायसवाल और दीपक केसकर- एक अन्य चार्टर्ड विमान से गुवाहाटी पहुंचे थे। सूत्रों ने उड़ान यात्री सूची का हवाला देते हुए कहा कि ये चारों भी सूरत हवाईअड्डे से ही रवाना हुए थे।
बगावत को राष्ट्रीय दल का साथ : एकनाथ शिंदे ने कहा कि राष्ट्रीय दल ने उनकी बगावत को ऐतिहासिक करार देने के साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। मुंबई में शिंदे के कार्यालय की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें वे गुवाहाटी के एक होटल में शिवसेना के बागी विधायकों को संबोधित कर रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक अपनी ओर से सर्वसम्मति से समूह के नेता के तौर पर शिंदे को आगे के फैसले लेने के लिए अधिकृत कर रहे हैं।
वीडियो में शिंदे कह रहे हैं कि हमारी चिंताएं और खुशियां एक समान हैं। हम एकजुट हैं और जीत हमारी होगी। एक राष्ट्रीय दल है, एक महाशक्ति...आप जानते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान को मात दी। उस दल का कहना है कि हमने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है और हमे हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। शिंदे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें सर्वसम्मति से फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया है।
चौधरी को मिली मंजूरी : हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने कहा है कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है।