प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 25 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। इस योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मोदीकेयर के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों के लगभग 50 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज मिल सकेगा। योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है। इसके तहत देश में हर 12 सेंकेंड में एक गरीब का मुफ्त इलाज हो रहा है। जानिए योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
कैसे किया गया लाभार्थियों का चयन? गरीबों के लिए मेडिक्लेम मानी जाने वाली इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों का चयन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है। देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को इस योजना का लाभ मिल रहा है। आधार नंबर से परिवारों की सूची तैयार की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी।
कैसे पता चलेगा आपका रजिस्ट्रेशन हो गया? वर्ष 2011 की जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को इसमें जगह मिलेगी। योजना में आपका नाम है या नहीं यह आप Mera.pm.jay.gov.in पर चेक कर सकते हैं। सबसे पहले आप इस वेबसाइट पर जाए। यहां होम पेज पर एक बॉक्स मिलेगा। इसमें मोबाइल नंबर डाले। उस पर ओटीपी आएगा। इसे डालते ही पता चल जाएगा कि आपका नाम इसमें जुड़ा है या नहीं। इसके अलावा लोग 14555 पर कॉल कर यह पता कर सकते हैं कि उनका नाम इस योजना में जुड़ा है या नहीं। लोग पास के अस्पतालों में जाकर भी यह पता कर सकते हैं कि उनको इस योजना का लाभ मिलेगा या नहीं।
किस तरह की बीमारी का हो सकेगा इलाज : किसी भी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने से पर इस पर होने वाले सभी खर्च योजना के तहत कवर किए जाते हैं। इसमें पुरानी बीमारियों को भी कवर किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई है।
अस्पताल में कैसे मिलेगा लाभ : मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे। इसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में
बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिए हो सकेगा। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेगा। निजी अस्पतालों को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। इससे सरकारी अस्पतालों में अब भीड़ कम होगी। सरकार इस योजना के तहत देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोलेगी जोकि आवश्यक दवाएं और जांच सेवाएं निःशुल्क मुहैया कराएंगे।
कहां से आएगा इलाज पर होने वाला खर्च : आयुष्मान भारत योजना पर होने वाला खर्च केंद्र और राज्य सरकार दोनों आपस में बांट रही है। योजना की अनुमानित लागत 12 हजार करोड़ रुपए हैं। केंद्र सरकार अपने हिस्से का खर्च सीधे राज्य सरकार की एजेंसी को भेज देती है।
कई राज्यों की अपनी स्वास्थ्य योजना : राजस्थान, दिल्ली समेत कई राज्यों में लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राजस्थान के लोगों को भामाशाह योजना का लाभ मिल रहा है तो दिल्ली सरकार की अपनी स्वास्थ्य योजना है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य योजना को बंद कर राष्ट्रीय राजधानी में 'आयुष्मान भारत' को लागू किया जाए तो यह दिल्ली के लोगों का नुकसान होगा।
जिन लोगों पास नहीं है इस योजना का कार्ड उनका क्या? : जिन लोगों के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं है उन्हें अपना मेडिक्लेम जरूर कराना चाहिए। 5 लोगों के परिवार के 5 लाख रुपए तक के मेडिक्लेम के लिए हर वर्ष आपको औसतन 12 से 15 हजार रुपए खर्च करने होते हैं। मेडिक्लेम नहीं होने की स्थिति में आपको बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निजी अस्पतालों में साधारण ही बीमारियों पर होने वाला खर्च भी हजारों में होता है।