कोच्चि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केरल की दो दिवसीय यात्रा शनिवार को समाप्त होने के तुरंत बाद केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ संबंधी उनके बयान पर विवाद शुरू हो गया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से इस योजना का क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर खेद व्यक्त किया था।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने प्रधानमंत्री के उस बयान की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा कि केरल सरकार केंद्र की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना 'आयुष्मान भारत' को लागू नहीं कर रही है जिसके तहत प्रत्येक परिवार को इलाज के लिए पांच लाख रुपए दिए जाते हैं।
मंत्री ने आधिकारिक बयान में कहा कि केरल में इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है क्योंकि इस योजना का लाभ केवल हालिया जनगणना में सबसे गरीब घोषित लोगों को मिलेगा। केरल सरकार की स्वास्थ्य योजना इससे कहीं अधिक व्यापक है और इसके दायरे में अधिक लोग आ सकते हैं।
शैलजा ने कहा कि केरल अपनी केएएसपी योजना के तहत 17 लाख लोगों को इलाज की सुविधा दे सकता है और कुल 60 करोड़ रुपए की राशि प्रदान कर 1.64 लाख लोगों को यह चिकित्सा सुविधा दी है। उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि 41 लाख लोगों में 21.5 लाख आरएसबीवाई योजना के तहत और 19.5 लाख सीएचआईएस योजना के तहत पहले ही इसके दायरे में आ चुके हैं।
मंत्री ने कहा कि इस स्थिति में अधिक लाभार्थियों को जोड़ने के लिए केरल ने योजना को संशोधित किया और इस योजना को लागू करने के लिए पहले ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत योजना 25 सितंबर से शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है। (वार्ता)