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मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा- हमने EVM को फुटबॉल बना दिया है, इससे छेड़छाड़ संभव ही नहीं

हमें फॉलो करें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा- हमने EVM को फुटबॉल बना दिया है, इससे छेड़छाड़ संभव ही नहीं
, गुरुवार, 20 दिसंबर 2018 (12:21 IST)
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि मतदान की यह सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति है। EVM गलत रखरखाव की शिकार तो हो सकती है, लेकिन इसमें छेड़छाड़ मुमकिन ही नहीं है। 
 
नवनियुक्त सीईसी अरोड़ा ने ईवीएम पर राजनीतिक दलों के आरोपों के दायरे में अब चुनाव आयोग के भी आने के मुद्दे पर गुरुवार को कहा कि चुनाव में मतदाताओं के बाद राजनीतिक दल ही मुख्य पक्षकार होते हैं। उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है, लेकिन छेड़छाड़ बात से मुझे दुख होता है। हमने ईवीएम को ‘फुटबॉल’ बना दिया।
 
किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की प्रवृत्ति के बारे में अरोड़ा ने दलील दी कि 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम एक दूसरे से बिलकुल विपरीत थे। इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा तमाम उपचुनाव के परिणाम बिलकुल भिन्न रहे। 
 
अरोड़ा ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव परिणाम की व्याख्या अपनी सुविधानुसार करने का जिक्र करते हुए कहा कि ईवीएम महज एक मशीन है जो आंकड़े दर्ज कर उनकी गिनती करती है। मशीन में खास प्रोग्रामिंग कर विशेष परिणाम हासिल करने की संभावना को मैं पूरी तरह से नकार सकता हूं। 
 
पांच राज्यों के चुनाव में ईवीएम की मतदान केन्द्रों से इतर अन्य स्थानों पर बरामदगी के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि मशीन में छेड़छाड़ करना और इसका गलत रखरखाव दो अलग मुद्दे हैं। जो शिकायतें इन चुनावों के दौरान मिलीं, वे कर्मचारियों द्वारा गलत रखरखाव की श्रेणी में आती हैं। इस तरह के जो चार-पांच मामले सामने आए हैं, हालांकि यह संख्या नगण्य है लेकिन फिर भी आयोग की कोशिश इस संख्या को शून्य पर लाने की है। 
 
राजनीतिक दलों की मतपत्र की तरफ वापस लौटने की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं है। यह चुनाव आयोग का स्पष्ट रुख है। इस विषय पर कई बार विचार विमर्श करने के बाद आयोग ने यह सोच कायम की है। (भाषा)

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