भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद जबर्दस्त घमासान मचा हुआ है। हार के बाद नेता एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने में जुटे हुए हैं। नजदीकी मुकाबले में हारे हुए प्रत्याशी अपनी हार के लिए संगठन की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
बीजेपी सांसद और विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले पार्टी के बड़े नेता अनूप मिश्रा अपनी हार के लिए पार्टी के स्थानीय संगठन को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही भिंड, मुरैना सहित ग्वालियर चंबल में पार्टी को मिली करारी हार के लिए बीजेपी सांसद ने पार्टी हाईकमान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि टिकट वितरण में स्थानीय स्तर के नेताओं की उपेक्षा की गई, जिससे पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों का साथ नहीं दिया। इससे पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
ग्वालियर से हार का सामना करने वाले मंत्री जयभान सिंह पवैया भी अपनी हार के लिए पार्टी संगठन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पवैया ने इसकी शिकायत पार्टी के केंद्रीय हाईकमान से करने की तैयारी कर ली है, वहीं चुनाव में हार का सामना करने वाली मंत्री अर्चना चिटनीस और जयंत मलैया भी अपनी हार के लिए संगठन और पार्टी के स्थानीय नेताओं के भितरघात को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताशरण शर्मा और रघुनंदन शर्मा भी पार्टी की हार के लिए संगठन की निष्क्रियता को पहले ही जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब मंथन का दौर तेज हो गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार को पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा की और सभी को लोकसभा चुनाव के लिए जुट हो जाने को कहा।
पार्टी अध्यक्ष ने बैठक में सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि सभी नेता अपना परफार्मेंस सुधारें और लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होकर नए सिरे से चुनावी मैदान में जाए। पार्टी विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने वालों की रिपोर्ट भी तैयार कर रही है, जिन पर कड़ी कार्रवाई किए जाने के संकेत पार्टी के अध्यक्ष ने दिए हैं, वहीं पार्टी अब हार के कारणों को खोजने के लिए और लोकसभा चुनाव में इन गलतियों से बचने के लिए अब संभागीय और जिला स्तर पर बैठक कर कार्यकर्ताओं से बातचीत करने जा रही है।