केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गया है। रविवार देर रात मंदिर परिसर में लागू नियमों का पालन नहीं करने पर 72 भक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, केरल से केन्द्रीय मंत्री अल्फॉन्स ने श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी पर गुस्सा जताते हुए सवाल उठाया कि क्या वे आतंकी हैं?
दिल्ली से हालात का जायजा लेने केंद्रीय मंत्री केजे अल्फॉन्स ने सोमवार सुबह को सबरीमाला पहुंच कर कहा कि यहां इमरजेंसी से बदतर हालात हो गए हैं। भक्तों को दर्शन के लिए बढ़ने नहीं दिया जा रहा। बेवजह धारा 144 लगा दी गई है। अय्यप्पा के भक्त आतंकी नहीं है, जो 15 हजार पुलिसकर्मियों की जरूरत हो।
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने रविवार को सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के पास कई श्रद्धालुओं को भक्ति गीत 'अयप्पा शरणम' गाने पर गिरफ्तार कर लिया था। इससे नाराज होकर श्रद्धालुओं ने उनके धार्मिक अधिकारों का हनन बताते हुए पुलिस पाबंदियों पर सवाल उठाए। दूसरी ओर आरएसएस भी सोमवार को पूरे राज्य में विरोध जताएगी।
सबरीमाला में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री निवास पर धरना देने जा रहे लोगों को रास्ते में ही रोक दिया गया। कई थानों और आयुक्त कार्यालयों के सामने विरोध जताया गया।
प्रदर्शनकारियों ने तिरुवनंतपुरम, आलप्पुषा, एनार्कुलम, पत्तनमत्तिट्टा और कोझीकोड जिलों में आधी रात को प्रार्थना सभाएं कीं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सबरीमाला कर्म समिति, सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने की तैयारी में है। समिति का आरोप है सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देकर 800 साल से जारी रीति-रिवाज और परंपराओं को नष्ट किया है।
क्या है मामला : सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी। यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। प्रथा 800 साल से चली आ रही थी।
सबरीमाला मंदिर केरल के पत्तनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में है। 12वीं सदी के इस मंदिर में भगवान अय्यप्पा की पूजा होती है। मान्यता है कि अय्यपा, भगवान शिव और विष्णु के स्त्री रूप अवतार मोहिनी के पुत्र हैं। हर साल दर्शन के लिए यहां साढ़े चार से पांच करोड़ लोग आते हैं।