Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

अमलनेर में स्थित मंगलदेव के मंदिर में मिलता है अद्भुत प्रसाद

मंगलदेव का प्रसाद बांटने से कैसे होता है मंगल दोष दूर?

हमें फॉलो करें अमलनेर में स्थित मंगलदेव के मंदिर में मिलता है अद्भुत प्रसाद
, मंगलवार, 24 जनवरी 2023 (16:02 IST)
अमलनेर- Mangal Grah Mandir Amalner : महाराष्‍ट्र के जलगांव के पास अमलनेर में श्री मंगल ग्रह देवता के स्थान पर मंगलवार को लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। यहां पर हर मंगलवार को मंगलदोष से मुक्ति के लिए उचित मूल्य पर अभिषेक कराया जाता है। मंदिर की महाआरती को देखने और मंगल देव का प्रसाद ग्रहण करना बहुत ही अद्भुत अनुभव वाला रहता है। यदि आप नहीं गए हैं इस मंदिर में तो एक बार जरूर जाएं और यहां के प्रसाद और महाप्रसाद का सेवन करके मंगलदेव की कृपा प्राप्त करें। तो चलिये अब झटपट जान लेते हैं कि क्या खासियत है यहां के प्रसाद की।
 
मंगल देव के मंदिर में दो तरह से प्रसाद मिलता है। पहला तो मंदिर संस्थान द्वारा पूजा और आरती के बाद नि:शुल्क प्रासद वितरण होता है, जो पंचामृत के साथ ही पंजीरी प्रसाद होता है। इसके अलावा दूसरे तरह का प्रसाद मंदिर के बाहर मिलता है। आप मंगलदेव को फूल, नारियल आदि के साथ प्रसाद अर्पित करना चाहें तो यह प्रसाद आपको मंदिर के बाहर से उचित मूल्य पर मिल जाएगा। दोनों ही तरह के प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट और अद्भुत होता है।
 
मंदिर परिसर में ही आप रेवा महिला गृह उद्योग द्वारा निर्मित प्रसाद के रूप में आप स्वादिष्ट पेढ़ा ले सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो यहां लगी दुकानों से उचित मूल्य पर गुड़ और सफेद तिल की रेवड़ी के साथ ही गोड़ सेव नाम का प्रसाद मिलता है जो केसरिया रंग का गुड़ का प्रसाद है, इसे जरूर लें। यह बहुत ही स्वादिष्‍ठ प्रसाद है जो कभी भी खराब नहीं होता है। यहां पर जो भी भक्त आता है वह यहां का प्रसाद अपने घर ले जाना नहीं भूलता है। कहते हैं कि यथाशक्ति जितना आप प्रसाद वितरण करेंगे उतनी मंगलदेव की कृपा प्राप्त होगी, क्योंकि कहते हैं कि रेवड़ी, गुड़, मिष्ठान, मिश्री, लाल चंदन, लाल फूल, लाल कपड़ा आदि का दान देने या लेने से मंगलदोष दूर होता है। इसीलिए यहां का प्रसाद महत्वपूर्ण माना गया है जो लाल फूल और लाल कपड़े के साथ मिलता है।
 
इसी के साथ यहां पर मंगलवार को मंगल दोष भी शांति भी होती है और मंगल देव की कृपा से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर क्षेत्र में भक्तों के रहने, ठहरने और दर्शन करने की उचित व्यवस्था है। इसी के साथ ही उचित मूल्य पर खाने की भी उत्तम व्यवस्था भी है। मंदिर के अंदर और बाहर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुक्ल नहीं लिया जाता है। खास बात यह है कि यहां पर किसी भी प्रकार का वीआईपी दर्शन भी नहीं होता है। 
 
इस मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल और हमारी वेबसाइट पर विजिट करें। विजिट करने के लिए नीचे दिए गए डिस्क्रिप्शन पर जाएं और इसी के साथ हमें कमेंट करके बताएं कि आपको कैसी लगी हमारी ये जानकरी। अच्‍छी लगी हो तो लाइक और शेयर करना न भूलें ..।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वसंत पंचमी कब है? कैसे करें मां सरस्वती की पूजा, शुभ समय, कथा, मंत्र और पूजन विधि