मंगल देव मंदिर में महाप्रसाद अन्न बचाव अभियान सफल
ट्रस्टियों से भी भोजन समाप्त करने का आग्रह किया जाता है, सेवेकरीयों की पीठ थपथपाई
अमलनेर- Mangal Grah Mandir Amalner : भोजन उतना ही लेना चाहिए जितनी पेट को आवश्यकता हो। तभी भोजन का महत्व समझ में आता है और किसानों के श्रम का सम्मान होता है। मंगल ग्रह मंदिर द्वारा हर मंगलवार को महाप्रसाद स्थल पर श्रद्धालुओं को भोजन का महत्व बताया जाता है।
खाने के बाद थाली को कूड़ेदान में डालते वक्त थाली में भोजन फेंका तो नहीं जा रहा? इसका सेवकों द्वारा निरीक्षण किया जाता है और व्यर्थ भोजन को खत्म करने का आग्रह किया जाता है। सेवेकरीयों की इस कार्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए ट्रस्टियों द्वारा कुछ युवा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
मंगलवार को मंदिर में महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है। हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद शुद्ध घी में बनाया जाता है। कुछ भक्त आवश्यकता से अधिक भोजन ले लेते हैं। भोजन परोसते समय भक्तों से आग्रह किया जाता है कि वे थाली में उतना ही भोजन लें जितना वे ग्रहण कर सकें। फिर भी कुछ लोग जरूरत से ज्यादा भोजन ले लेते हैं। इस कारण यह बर्बाद होता है। महाप्रसाद के दौरान जब कुछ भक्त भोजन फेंक रहे थे तब उनसे इसे ग्रहण करने का आग्रह किया गया।
ट्रस्टियों ने सेवादार नीलेश पवार, नयन दाभाड़े, सुनील चव्हाण, विशाल दाभाडे, अक्षय राजपूत के कार्यों का जायजा लिया। इन सभी को ट्रस्टियों ने सम्मानित किया। इस मौके पर भोजनगृह प्रमुख प्रधान हेमंत गुजराती मौजूद रहे।