Magh Purnima 2023: 5 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा रहेगी। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा पर तीर्थराज प्रयाग में हर साल माघ मेला लगता है, जिसे कल्पवास कहा जाता है। आओ जानते हैं कि माघी पूर्णिमा की क्या है विशेषता, क्या करें इस दिन और कैसे करें तो क्या फल मिलेगा।
माघी पूर्णिमा की विशेषताएं :
1. दान : इस दिन दान-दक्षिणा का बत्तीस गुना फल मिलता है। इसलिए इसे माघी पूर्णिमा के अलावा बत्तिसी पूर्णिमा भी कहते हैं।
2. स्नान : प्रयाग में माघ मास के अन्दर तीन बार स्नान करने से जो फल होता है वह फल पृथ्वी में दस हजार अश्वमेघ यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता है। क्योंकि ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरूद्गण माघ मास में प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर गमन करते हैं।
3. कल्पवास : माघ माह में गंगा के किनारे कल्पवास करने से सभी पापों का नाश होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. माधव पूजा : माघ स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान माधव की कृपा बनी रही है और उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
क्या और कैसे करें :
- दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए।
- पूजा या व्रत के बाद बाद मध्याह्न काल में किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। नदी नहीं है तो पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य अर्पित करते वक्त उनका मंत्र बोलें।
- इसके बाद श्री हरि विष्णु की पूजा करें। उनकी षोडशोपचार नहीं तो दशोपचार या नहीं तो पंचोपचार पूजा करें।
- पंचोपचार यानी पांच प्रकार की सामग्री से उनकी पूजा करें। गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करने के बाद आरती उतारें।
- माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण भी करना चाहिए।