जबलपुर। मध्यप्रदेश के पुलिस थानों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय बनाने के लिए सरकार ने 49 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है।
थानों और आउट पोस्ट में महिला शौचालय नहीं होने के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई।
सरकार ने अपने जवाब में बताया गया कि वर्ष 2000 से 2004 के बीच प्रदेश के 665 थानों में महिला शौचालय बनाए गए थे। थानों में आने वाली महिला शिकायतकर्ताओं के लिए शौचालय बनाने 49 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश वी के शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह निर्धारित की है। जबलपुर के अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि पुलिस विभाग में काम करने वाली महिला अधिकारियों और महिला स्टाफ के लिए अलग से शौचालय होना चाहिए। उनको कॉमन टॉयलेट का उपयोग करना पड़ रहा है।
कार्यस्थल पर वॉशरूम और रिटायरिंग रूम जैसी मूलभूत सुविधाएं कामकाजी महिलाओं के सम्मान से जुड़ी होती हैं। महिलाओं के लिए अलग से शौचालय नहीं होना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी की जवाब मांगा था। (वार्ता)