मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कुटुंब न्यायालय में पति के दो पत्नियों के बीच बंटवारे के समझौते का एक अनोखा मामला सामने आया है। पति-पत्नी और वो से शुरु हुए परिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए हुए समझौते में पति को हफ्ते के पहले तीन दिन पहली पत्नी के साथ और अगले तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहना होगा। वहीं रविवार को पति की इच्छा पर छोड़ा है कि वह दोनों में से किसी पत्नी के पास रह जाए। इसके साथ पति अपनी सैलरी को दोनों पत्नियों के बीच आधा-आधार बांटेगा। खास बात यह है कि समझौते पर दोनों पत्नियों ने अपनी सहमति दे दी।
क्या है पूरा मामला?-पूरा मामला ग्वालियर के रहने वाले दिनेश शर्मा से जुड़ा है जो गुरुग्राम की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। दिनेश शर्मा की शादी 5 मई 2018 को ग्वालियर में एक लड़की से हुई थी। शादी के बाद दिनेश अपनी पत्नी के साथ गुरुग्राम में रहने लगे। इसी बीच कोरोना के लॉकडाउन लगने के चलते दिनेश अपनी पत्नी को ग्वालियर में उसके मायके छोड़ गया। इस बीच दिनेश गुरुग्राम में अपनी कंपनी में काम करने वाली लड़की से लिव-इन में रहने लगा और बाद में उससे शादी कर ली। इधर कोरोना खत्म होने के बाद भी जब दिनेश ग्वालियर से अपनी पत्नी को वापस नहीं ले गया और गुरुग्राम में ले जाने में टालमटोल करने लगा तब पहली पत्नी परिवार के सदस्यों के साथ खुद गुरुग्राम पहुंच गई। जहां उसको दिनेश की दूसरी शादी करने के बारे में पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
इसके बाद पहली पत्नी ने ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में पति दिनेश शर्मा के खिलाफ भरण पोषण का केस किया। मामला कोर्ट में पहुंचने पर पति और दोनों पत्नियों की काउंसलिंग की गई। वकील हरीश दीवान ने पति और दोनों पत्निययों की काउंसलिंग कर कर उन्हें समझौता करने के लिए समझाया। वकील के काफी समझाने के बाद दोनों पत्नियां और पति के बीच समझौता हो पया। समझौते में तय किया गया कि पति की सैलरी पर दोनों पत्नियों को हर महीने आधी-आधी मिलेगी। इसके साथ ही पति दोनों पत्नियों के अलग-अलग फ्लैट भी खरीदेगा। वहीं पति दोनों पत्नियों के साथ तीन-तीन दिन रहेगा और रविवार को पति जिस पत्नी के साथ चाहेगा उसके साथ रह सकेगा। वहीं इस पूरे समझौते को कुटुंब न्यायालय ने भी अपनी स्वीकृति दे दी।