हरदा ब्लास्ट मामले में कोई भी दोषी बचेगा नहीं, सदन में बोले CM डॉ. मोहन यादव

हरदा मामले पर कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरा

विकास सिंह
गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024 (17:59 IST)
भोपाल। हरदा पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट मामले को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ। सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्षी दल  कांग्रेस ने हरदा मामले को उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, जिसमें आसंदी ने स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थगन प्रस्ताव पर डेढ़ घंटे बहस का समय निर्धारित किया।

कांग्रेस की ओर से स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए सीनियर विधायक रामनिवास रावत ने पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, कांग्रेस विधायक फूल सिंहं बरैया, आरिफ मसूद ने मामले को उठाया।

मुख्यमंत्री ने दिया जवाब- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुई दुर्घटना पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का इस विषय पर चर्चा के लिए आग्रह आया। मेरी भी सहमति थी कि सबकी भावना है तो चर्चा होनी चाहिए। यह हम सब की संवेदना और भावना का प्रतीक है, विधानसभा के सभी सदस्यगण पूर्ण सहमति के साथ इस विषय पर चर्चा की राह निकाल रहे हैं। घटना दुखद है, लेकिन यह विश्वास व्यक्त करता हूँ कि आगे भी ऐसी कोई स्थिति बनी तो यह मिसाल बनेगी कि ऐसे संजीदगी वाले विषय पर हम सब मिलकर कैसे चल सकते हैं। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 6 फरवरी को कैबिनेट में जैसे ही लगभग 11:20 के आसपास मुझे घटना की जानकारी मिली वैसे ही हमने कैबिनेट को रोक कर वहीं एक टीम बनाई, मंत्री  राव उदय प्रताप सिंह से कहा कि आप तुरंत घटना स्थल पर पहुंचें, उनके साथ दो जिम्मेदार अधिकारियों को भी भेजा गया। दुर्घटना के वीडियो शॉट देखकर लग रहा था, यह भीषण और बड़ी घटना है तथा कुछ भी हो सकता है। घटना की भयावहता के आधार पर तुरंत आपात बैठक बुलाने का  निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की संक्षिप्त छवि का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरदा की भोपाल, इंदौर और होशंगाबाद से भौगोलिक दूरी ज्यादा थी।  इसीलिए भारत सरकार के गृह मंत्री को भी दोपहर 12:20 पर घटना की जानकारी दी गई और एनडीआरएफ की टीमें, हेलीकॉप्टर तथा अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने का निवेदन किया गया। घटना इतनी बड़ी थी कि आंतकवादी वारदात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता था। फिर यह पुष्टि हुई कि मामला केवल पटाखों का ही है, तब इस स्थिति से भारत सरकार को अवगत कराया गया और मैंने निर्देश दिए कि जो भी हो उसे पूरी गंभीरता से लिया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने हरदा पहुंचकर स्थिति की जानकारी से अवगत कराया, तब तक जो मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती थी, जैसे ग्रीन कॉरिडोर बनाने और निकट के अस्पतालों में बर्न यूनिट आदि की व्यवस्था की गई। यह बात सही है कि जलने के बाद , जिस स्तर के इलाज की आवश्यकता होती है वह सुविधा ऐसे दूरस्थ अंचलों में विकसित करना अभी शेष है। लेकिन फिर भी हमने तत्काल होशंगाबाद और भोपाल में व्यवस्था की। साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी रवाना की गईं, लगभग 100 से अधिक फायर ब्रिगेड और 50 एम्बुलेंस तथा अन्य आवश्यक संसाधन तत्काल हरदा में उपलब्ध कराए गए। हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था थी, लेकिन बर्न वालों को लाना संभव नहीं था। घायलों के साथ परिवार के लोग भी आना चाह रहे थे, परिवार के लोगों को भी जोड़ कर रखा गया ताकि क्षेत्र में काई घबराहट नहीं फैले।  राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी कदम एक साथ उठाए गए। घायलों के लिए डॉक्टरों की एडवांस टीम की व्यवस्था की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं हमीदिया अस्पताल में सभी घायलों से मिलकर आया हूँ। उन्होंने एक घायल महिला की बहादुरी का प्रशंसापूर्वक उल्लेख करते हुए कहा कि महिला ने स्वयं बताया कि वह जहां पटाखे बन रहे थे वहीं काम कर रही थी, पहला विस्फोट होने के साथ ही ज्यादातर लोग भाग गए, किंतु वह दौड़कर नहीं निकल पाई और उसका हाथ टूट गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महिला की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि महिला स्वयं का दर्द भूलकर दूसरों की कुशलक्षेम पूछ रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि फायर बिग्रेड के एक कर्मचारी का आग बुझाने में हाथ का पंजा कट गया। इससे घटना की विभिषिका का अंदाज लगाया जा सकता है। कुछ मदद करने वाले, वीडियो बनाने वाले राहगीर भी घटना में घायल हुए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पक्ष-विपक्ष की बात न करते हुए शासन के स्तर पर हमने सार्थक चर्चा की। मैं भगवान महाकाल से प्रार्थना करता हूँ कि इस घटना में दिवंगतों को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दें तथा घायलों को शीघ्र अतिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो। घायलों को जो भी उपचार की आवश्यकता होगी, वह नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश के बाहर भी यदि किसी को इलाज के लिए भेजने की आवश्यकता होगी तो वह व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब पटाखा फैक्ट्री का निर्माण हुआ तब वह शहर से दूर थी, बाद में उसके आसपास बसाहट हो गई।  फैक्ट्री के आसपास बस्तियां बसाने में कौन-कौन दोषी है यह जांच में आएगा, लेकिन शासकीय एजेंसियों को भी यह सतर्कता बरतनी चाहिए कि प्रधानमंत्री आवास या अन्य योजनाओं में ऐसे स्थानों पर लोंगों को न बसाया जाए।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अधिकारियों को हटाने के संबंध में भी बात कही है। अधिकारियों को इसलिए हटाया गया ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें और न ही किसी मातहत दोषी को बचाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग कर सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि कोई भी बचेगा नहीं, जांच में पाए गए दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विपक्ष से कहा कि यदि उन्हें ऐसा लगे कि जांच में लीपा-पोती हुई है तो वे अवश्य संज्ञान में लाएं।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एम्स सहित अन्य अस्पतालों में 200 से अधिक बैड हरदा के प्रभावितों के लिए रिजर्व किए गए थे। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए हमें तहसील व जिला स्तर पर भी बर्न यूनिट की तैयारी रखना चाहिए। यह ऐसी व्यवस्था है जो आवश्यकता होने पर प्रभावित को तुरंत उपलब्ध होना चाहिए। प्रधानमंत्री, राज्य शासन तथा एनजीटी के निर्देशों के अनुसार प्रभावितों को राहत उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी 55 जिलों के साथ एक साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग करके प्रदेश में एक साथ जांच दल गठित कर, विस्फोटक लाइसेंसों के संबंध में सभी जिलों से रिपोर्ट बुलवाई गई। मंडला में 17, दतिया में 4, मुरैना में 5, जबलपुर में 123, शिवपुरी में 10, ग्वालियर में 26, डिंडोरी में 6, छिंदवाड़ा में 72, कटनी में 6, शहडोल में 29, अशोक नगर में 7, संस्थानों की जांच एक साथ आरंभ कराई गई। हरदा में 12 विस्फोटक लाइसेंस सील किए गए । मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दो बिंदुओं पर जांच की जा रही है, गोडाउन व माल कहां है तथा कितनी सामग्री रखने की पात्रता है। पात्रता से अधिक माल पाए जाने पर केस बनाया जा रहा है। हरदा में विस्फोटक लायसेंस की सीमा से अधिक मात्रा में विस्फोटक सामग्री लेने की बात सामने आई है। 
<>

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सिंदूर छीनने वालों ने अपना खानदान खोया, Operation Sindoor पर बोले CM योगी

भारत के 80 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर की स्ट्राइक, पाकिस्तानी PM शरीफ ने कहा

Operation Sindoor कोड नेम से कांग्रेस को परेशानी, पृथ्वीराज चव्हाण ने क्यों उठाया सवाल

कहां छिपा है पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड गुल, TRF सरगना का और भी है नाम

कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सबूतों के साथ पाकिस्तान को किया बेनकाब

सभी देखें

नवीनतम

India Pak Tension : क्या हमलों के बाद पाकिस्तान के NSA ने अजित डोभाल को किया था फोन

क्‍या मौलाना इकबाल आतंकी थे, पाकिस्तानी गोलाबारी में हुई मौत, पुलिस ने किया यह खुलासा

LoC के पार पाकिस्तानी सेना का एक तोपखाना रेजिमेंट बैटरी पूरी तरह से तबाह

भारतीय थल सेना की विभिन्न रेजिमेंट्स के युद्ध घोष

ऑपरेशन सिंदूर पर बनी राजनीतिक सहमति, सर्वदलीय बैठक के बाद बोले किरेन रीजीजू

अगला लेख
More