इंदौर। शुक्रवार को शहर में 25 माह में 28वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बनने की सम्भावना है। केडवर ऑर्गन डोनेशन हेतु एक बार फिर मानवता की मिसाल कायम करते हुए आज फ़िर ग्रीन कॉरिडोर बन सकता है।
बागली निवासी 32 वर्षीय प्रत्युष पिता स्वर्गीय खेमचंद व्यास का 27 नवम्बर से शेल्बी अस्पताल में उपचार चल रहा था लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनकी मौत के बाद अंगदान की सहमति प्रत्युष की माताजी श्रीमती चन्दादेवी, हेमंत और चाचा सत्यनारायण व्यास ने दी। इसमें शेल्बी अस्पताल के डॉक्टर विवेक जोशी का योगदान भी सराहनीय रहा।
डॉक्टरों की टीम द्वारा शाम 6:45 उनकी मौत की पुष्टि गई और ब्रेन डेथ का प्रमाण पत्र देर रात जारी किया गया। मुस्कान ग्रुप के सेवादारों द्वारा अंगदान का महत्व बतलाने के बाद व्यास परिवार द्वारा अंगदान की स्वीकृति प्रदान की।
मुस्कान सेवादार समन्वय कार्य में संदीपन आर्य, जीतू बगानी, हरपाल सितलानी और लक्की खत्री लगे रहे। इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे (अध्यक्ष इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन) एवं सह सचिव डॉ. संजय दीक्षित की अगुवाई में इन्दौर का नाम से एक बार फिर अंगदान का साक्षी बनने की पायदान पर है।
यह शेल्बी अस्पताल का पहला मौका है, जब अंगदान की सेवा मे अंग रिट्रायवल करके राजश्री अपोलो अस्पताल को एक किडनी, एक किडनी और लिवर चोइथराम अस्पताल को तथा हार्ट फोर्टिस अस्पताल मुम्बई को दिया जाना है। शु्क्रवार सुबह 9.30 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनाने की सम्भावना है। व्यास परिवार के लिए दुःख की घड़ी में उनके परोपकार भाव को मुस्कान ग्रुप नमन करता है।