इंदौर। प्रसिद्ध लेखक नरेन्द्र कोहली ने कहा कि भारत जैसा सहिष्णु देश पूरी सृष्टि में कहीं भी नहीं मिलेगा।
इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल में 'साहित्य का महासमर' नामक सत्र में शुक्रवार को कोहली ने कहा कि यह देश तो सब कुछ देखते हुए और झेलते हुए भी चल रहा है। यहां से हमने किसी को निकाला नहीं। इस सत्र में प्रो. दुबे ने नरेन्द्र कोहली कई सवाल पूछे।
उन्होंने शिव महिम्न स्तोत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने उसके अर्थ की तरह ही सबको अपने में समाहित किया है। स्तोत्र में है कि हे प्रभु पानी जहां कहीं भी हो अंततः समुद्र में मिलता है, उसी तरह सबको हमारा देश भी अपने में शामिल कर लेता है।
कोहली ने कहा कि साहित्य ने फिल्मों में योगदान दिया या नहीं यह अलग बात है, लेकिन फिल्मों ने साहित्य को नुकसान जरूर पहुंचाया है।