अमेठी। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से पर्चा भरने पर गुरुवार को तंज कसा कि दीदी घर आई हैं और लापता सांसद केरल पहुंच गए हैं।
स्मृति ने यहां सलोन की एक जनसभा में कहा, 'ये संयोग है, प्रभु का संकेत है कि दीदी घर आई हैं और लापता सांसद केरल पहुंच गए हैं।' उन्होंने कहा, 'ये संयोग है कि बहन आशीर्वाद लेने आई है और राहुल गांधी उस आशीर्वाद को त्याग गए हैं। ये संयोग है कि एक तरफ भाजपा के कार्यकर्ता समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं कि भारत राष्ट्र सक्षम हो, सशक्त और सुदृढ़ हो इसके लिए हम सबको सहयोग देना है।'
स्मृति ने कहा कि दूसरी ओर लापता सांसद इस धरती से परे जाकर पर्चा भरते हैं और उन लोगों के आशीर्वाद से, जो हिन्दुस्तान का बंटवारा करने की कोशिश करते हैं।
तपती दोपहरी में स्मृति ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां का तापमान काफी बढ़ा हुआ है लेकिन अमेठी में तो तापमान तभी बढ़ गया था जब 2017 के विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभा सीटें भाजपा ने जीतीं और पांचवी विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस की दाल गली नहीं थी।
उन्होंने कहा, 'वे लोग जो 15 साल से परिवार का नाम ले-लेकर, दुहाई दे- दे कर, संबंध का तमाशा करते करते सत्ता की गली में जाकर सिंहासन पर विराजमान रहे। जिन्होंने 15 साल तक पीढ़ी दर पीढ़ी अमेठी के परिवारों को विकास से वंचित रखा। आज उनको समझ आया है कि छह मई को अमेठी का नागरिक कमल का बटन दबाएगा और ना सिर्फ स्मृति ईरानी बल्कि विकास को जिताएगा।
अमेठी लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहीं स्मृति ने कहा, 'खाद के लिए अमेठी के किसान को या तो रायबरेली जाना पड़ता था या सुल्तानपुर और लखनऊ जाना पड़ता था। अमेठी के किसानों की अपील मैंने सरकारी विभाग तक पहुंचाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश पर एक सप्ताह में अमेठी के किसान के लिए विशेष तौर पर गौरीगंज में खाद का रैक उतरा।
उन्होंने कहा कि आज लापता सांसद पर्चा दाखिल करने केरल गए हैं। उनसे कहना चाहती हूं कि आप 15 साल में खाद की रैक नहीं उतार पाए। अब जाकर केरल की जनता को छलते हो।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी में सामर्थ्य था लेकिन जान बूझकर अमेठी के गरीब किसान परिवारों को विकास से दूर रखा गया ताकि अमेठी का किसान जीवन भर उनके सामने हाथ फैलाकर गिड़गिड़ाता रहे। उन्होंने कहा कि वे दिन अब लद गए जब गौरीगंज में अमेठी में यूरिया के लिए लाइन लगती थी और लाठीचार्ज होता था। अब मोदी सरकार के समय नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध है। अब यूरिया के लिए लाठीचार्ज नहीं होता।
स्मृति ने कहा कि वह सलोन की धरती से लापता सांसद से पूछना चाहती हैं कि जब लाठीचार्ज होता था तब किसान की चोट पर मरहम लगाने के लिए क्या राहुल को वक्त मिलता था। उन्होंने कहा कि आज अमेठी का बच्चा बच्चा गवाह है कि विकास के इंतजार में पीढ़ी दर पीढ़ी बीत गई। (भाषा)